मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के बीच सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस को लेकर बनी बिना तालमेल की स्थिति सोमवार को और खराब हो गई। जब बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) गुप्तेश्वर पांडे ने मुंबई पुलिस से सवाल किया कि आखिर बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या में उन्होंने मनी ट्रेल की जांच क्यों नहीं की?
मीडिया से बातचीत में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि पिछले चार सालों में, लगभग 50 करोड़ रुपये सुशांत सिंह राजपूत के बैंक खाते में जमा किए गए। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वो सब निकाल लिए गए। एक साल उनके खाते में 17 करोड़ रुपये जमा किए गए, जिसमें से 15 करोड़ रुपये वापस निकाल लिए गए। क्या यह एक महत्वपूर्ण बिंदु नहीं है जिसकी जांच नहीं की जा रही है? हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। हम उनसे (मुंबई पुलिस) सवाल करेंगे कि इस तरह के सुरागों को क्यों दबाया जाता है।
एसपी को क्वारंटाइन करने पर डीजीपी ने जताई थी नाराजगी
रविवार को इससे पहले बिहार पुलिस के प्रमुख ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जब उनके अधीनस्थ एसपी रैंक के अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई बीएमसी ने क्वारंटाइन कर दिया था। तब उन्होंने कहा था, 'सबूत साझा करने या सुशांत के पोस्टमॉर्टम-फॉरेंसिक रिपोर्ट सौंपने के बजाय, वो(मुंबई) हमारे एसपी को लगभग गिरफ्तार करने में लगे है। मैंने किसी अन्य राज्य की पुलिस द्वारा ऐसा असहयोग नहीं देखा है। यदि मुंबई पुलिस उनके दृष्टिकोण में ईमानदार है। तो उन्हें हमारे साथ जांच को साझा करना चाहिए।'
मुंबई कमिश्नर ने बताया सुशांत के घर नहीं हुई थी कोई पार्टी
बिहार पुलिस ने मुंबई पुलिस द्वारा सुशांत के मामले की जांच पर सवाल उठाने के बाद पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने मीडिया से बात की थी। मुंबई कमिश्नर ने खुलासा किया कि अब तक 56 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। 14 जून को आत्महत्या करने से पहले उन्होंने पता चलाया है कि बांद्रा में अभिनेता के घर पर किसी भी तरह की कोई पार्टी नहीं की गई थी।
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