बॉलीवुड की दुनिया और इसकी चकाचौंध दूर से बहुत अच्छी लगती है और सेलेब्स के लाखों चाहने वाले होते हैं। लेकिन कुछ एक्टर्स की जिंदगी में बहुत दुख दर्द होते हैं जो आम इंसान और उनके फैंस को नजर नहीं आते और इन्हीं में से एक थीं एक्ट्रेस विमी। विमी केवल 33 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गई थीं।
विमी बॉलीवुड की खूबसूरत और टैलेंटेड अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने साल 1967 में सुनील दत्त के अपोजिट फिल्म हमराज से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। फिल्म का गाना 'तुम अगर साथ देने का वादा करो' बहुत फेमस हुआ था। इसके बाद उन्होंने फिल्म आबरू, नानक नाम जहाज है, पतंगा, गुड्डी, कहीं आर कहीं पार और प्रेमी गंगाराम में काम किया।
बॉलीवुड में आने से पहले कर ली थी शादी
विमी ने बॉलीवुड में कदम रखने से पहले ही कलकत्ता के एक बड़े बिजनेसमैन शिव अग्रवाल से शादी कर ली थी। विमी के माता- पिता इस शादी से नाखुश थे और उनसे नाराज हो गए। इसके बाद विमी एक्ट्रेस बनीं तो उनके सास- ससुर भी उनसे खफा हो गए।
पर्सनल लाइफ में थीं परेशान
विमी और शिव के दो बच्चे हुए। एक बेटा और एक बेटी लेकिन शिव ने अपने पेरेंट्स के कहने पर विमी को छोड़ दिया और वो बिलकुल अकेली रह गईं। इसके बाद विमी को काम मिलना भी बंद हो गया जिससे वो परेशान रहने लगीं और उन्हें शराब की लत लग गई।
प्रोड्यूसर ने भी किया परेशान
विमी को अपनी जिंदगी में एक सहारे की जरूरत थी और वो एक प्रोड्यूसर जॉली के साथ रहने लगीं। जॉली ने उनकी मदद कम की और शोषण ज्यादा किया। उन्होंने विमी से कहा कि अगर आप चाहती हैं कि आपको फिल्मों में ज्यादा काम मिले तो आप प्रोड्यूसर के साथ ज्यादा वक्त बिताएं तो आपको काम भी ज्यादा मिलेगा और पैसा भी। इससे विमी और टूट गईं और पहले से ज्यादा शराब पीने लगीं। इससे उनका लीवर खराब हो गया और 22 अगस्त 1977 को उनका निधन हो गया।
ठेले पर ले जाया गया शव
विमी का निधन मुंबई के नानावती अस्पताल में हुआ था लेकिन निधन के बाद विमी के शव को अर्थी भी नसीब नहीं हुई। जॉली उन्हें ठेले पर शमशान घाट ले गए और उन्हें अग्नि के हवाले कर दिया।
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