साल 1998 में शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'डुप्लिकेट' रिलीज हुई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही। धर्मा प्रॉडक्शन की इस फिल्म में शाहरुख के अलावा जूही चावला, सोनाली बेंद्रे और मोनिष बहल भी नजर आए थे, लेकिन फिल्म अपनी छाप नहीं छोड़ नहीं सकी। 'डुप्लिकेट' का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था जबकि करण जौहर के पिता यश जौहर ने फिल्म के प्रोड्यूसर थे। फिल्म के फ्लॉप होने के बाद करण ने उस वक्त एक इंटरव्यू में महेश को लेकर अपनी नराजागी का इजाहर किया था। उन्होंने महेश को एक लापरवाह डायरेक्टर तक बता दिया था। करण ने कहा था कि फिल्म को लेकर पिता काफी दर्द से गुजरे थे।
करण ने 1998 में एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे इस फिल्म से कोई लेना-देना नहीं था। दरअसल, मैं जानबूझकर इससे दूर रहा। फिल्म केवल एक शख्स के कमिटमेंट के कारण पूरी हुई थी और उसका नाम है शाहरुख खान। इसके अलावा फिल्म के साथ सब कुछ गलत हुआ था।' महेश भट्ट को लेकर नाराज व्यक्त करते हुए करण ने कहा था, 'यह फिल्म बनाने का तरीका नहीं है। मुझे दुख है कि मेरे पिता को इस तरह की फिल्म बनाने के दर्द और निराशा से गुजरना पड़ा, जिसमें निर्देशक को कोई दिलचस्पी नहीं थी।'
करण ने आगे कहा था कि उनके पिता यश जौहर ने महेश भट्ट को हर प्रकार की आजादी और संसाधन दिए। हालांकि भट्ट ने जिम्मेदारी से काम नहीं किया। करण ने कहा था, 'वह एक जिम्मेदार निर्देशक नहीं हैं। वह लापरवाह थे और फिल्म के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं लेते थे। अगर शाहरुख नहीं होते और फिल्म की कमान संभालते तो यह कभी पूरी ही नहीं होती।'
करण जौहर ने कहा था, 'ये फिल्म इंडस्ट्री के कुछ गम हैं। 'डुप्लीकेट' फिल्म कभी नहीं बनना चाहिए थी। यह ऐसी फिल्म नहीं है, जिसके साथ जुड़कर मुझे गर्व हो।' वहीं, मौजूदा दौर के बात करें तो अब करण और महेश भट्ट में बिलकुल तल्खी नहीं है। दोनों के बीच अब सब कुछ ठीक है। दिलचस्प बात यह है कि करण ने ही भट्ट की बेटी आलिया भट्ट को बॉलीवुड में लॉन्च किया था।
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