भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाली फिल्म पाथेर पांचाली के डायरेक्टर सत्यजीत रे का आज 99वां बर्थडे है। सत्यजीत रे का जन्म कोलकाता में हुआ था। जब वह तीन साल के थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी।
भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाली फिल्म पाथेर पांचाली के डायरेक्टर सत्यजीत रे का आज 99वां बर्थडे है। सत्यजीत रे का जन्म कोलकाता में हुआ था। जब वह तीन साल के थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी।
सत्यजीत रे ने साल 1943 में बतौर ग्राफिक डिजाइनर अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने जिम कॉर्बेट की किताब Man Eaters Of Kumaun का कवर पेज डिजाइन किया था। इसके अलावा उन्होंने जवाहरलाल नेहरु की किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया का भी कवर पेज डिजाइन किया था।
सत्यजीत रे ने विभूतिभूषण बंधोपाध्याय की उपन्यास पाथेर पंचाली पर फिल्म बनाई थी। साल 1950 में वह अपनी कंपनी के काम से लंदन गए थे। लंदन में उन्होंने फिल्में देखी और वहां से लौटने के बाद उन्होंने पाथेर पंचाली बनाने का फैसला किया।
पाथेर पांचाली बनाने के दौरान सत्यजीत रे को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अपनी बीवी के गहने तक गिरवी रख दिए थे। ये फिल्म तीन भाग में बनी थी। पहला भाग पाथेर पांचाली, दूसरा भाग अपराजितो और तीसरा भाग द वर्ल्ड ऑफ अप्पू था।
सत्यजीत रे को साल 1992 में ऑस्कर का ऑनरेरी अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट दिया गया था। ऑस्कर देने वाली अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस के पदाधिकारियों ने ये अवॉर्ड उनके घर में पहुंचाया था।
सत्यजीत रे का दिल का दौरा पढ़ने के कारण 23 अप्रैल 1992 को निधन हो गया था। ऑस्कर अवॉर्ड के अलावा पाथेर पांचाली को फ्रांस के कांस फिल्म फेस्टिवल में विशेष पुरस्कार बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट भी मिला था।
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