नरगिस रबादी यानी शम्मी आंटी का आज 91वां बर्थडे है। शम्मी आंटी का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था। वह महज तीन साल की थीं जब उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार को संभालने के लिए उन्होंने कार्यक्रमों में खाना बनाना शुरू कर दिया था।
नरगिस रबादी यानी शम्मी आंटी का आज 91वां बर्थडे है। शम्मी आंटी का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था। वह महज तीन साल की थीं जब उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार को संभालने के लिए उन्होंने कार्यक्रमों में खाना बनाना शुरू कर दिया था।
1942 में शम्मी आंटी ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में काम किया। शम्मी आंटी जब 18 साल की थीं तब उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका मिला था। 1949 में उन्होंने फिल्म उस्ताद पेड्रो के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू किया था।
शम्मी को फिल्म मलहार से पहचान मिली थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान वह नरगिस दत्त से उनकी मां जद्दनबाई के जरिए मिली थी। शम्मी आंटी और नरगिस दत्त के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। नरगिस दत्त के कारण ही उन्होंने अपना नाम बदल दिया था।
शम्मी आंटी को टीवी सीरियल देख भाई देख में भी काम किया था। इस सीरियल में डायलॉग तेरे मुंह में कीड़े, तेरे मुंह में धूल डायलॉग काफी याद किया जाता है। शम्मी आंटी ने इसके अलावा श्रीमान श्रीमती, जबान संभालके, 'कभी ये कभी वो' और 'फिल्मी चक्कर' जैसे टीवी सीरियल में नजर आईं।
पर्सनल लाइफ की बात करें तो शम्मी आंटी ने प्रोड्यूसर सुल्तान अहमद से शादी की थी। शम्मी आंटी का साल 2018 में श्रीदेवी की मृत्यु के कुछ दिन बाद ही निधन हो गया था। शम्मी आंटी आखिरी बार साल 2013 में फराह खान की फिल्म शिरीन फरहाद की निकल पड़ी में नजर आई थीं।
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