लक्षद्वीप के राज्यपाल प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर देशद्रोह के आरोप का सामना कर रही फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना रविवार को पुलिस के सामने पेश होंगी। मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुल्ताना की याचिका को केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को स्वीकार कर लिया है लेकिन उसे 20 जून को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
न्यायमूर्ति अशोक मेनन की एकल पीठ ने अपना अंतिम आदेश सुरक्षित रखते हुए उन्हें एक सप्ताह के लिए अग्रिम जमानत दे दी। फिल्म निर्माता के खिलाफ 10 जून को मामला दर्ज किया गया था जब कवरत्ती पुलिस ने लक्षद्वीप के भाजपा अध्यक्ष सी अब्दुल खादर हाजी की शिकायत पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
सुल्ताना को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 ए के तहत नोटिस दिया गया था और पुलिस ने उन्हें मामले के संबंध में कवरत्ती में लक्षद्वीप पुलिस मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा था।
क्या है पूरा मामला?
एक टीवी चैनल डिबेट के दौरान फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने एक बयान किया था। आयशा ने कहा था कि लक्षद्वीप में अभी तक कोरोना का एक भी केस नहीं था, लेकिन अब हर रोज 100 मामले सामने आ रहे हैं। मैं कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने बायो वेपन के तौर पर प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की तैनाती की है। वह यहां पर अलोकतांत्रिक, जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं, जिससे कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
इस बयान के बाद भाजपा ने आयशा की कड़ी आलोचना की और उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया। उनके शब्दों के चयन पर सवाल उठाए गए और उनका इरादा लोगों के मन में नफरत और घृणा पैदा करने वाला बताया गया।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।