Gulabo Sitabo Movie Review: कॉमेडी की भरपूर डोज है अमिताभ-आयुष्मान की 'गुलाबो सिताबो'

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Gulabo Sitabo Movie Review: बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म गुलाबो सिताबो आज यानी 12 जून को ऑनलाइन रिलीज हो गई है। जानें कैसी है शूजित सरकार के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म।

Gulabo Sitabo Movie Review
Gulabo Sitabo Movie Review 
मुख्य बातें
  • ऑनलाइन रिलीज हुई फिल्म गुलाबो सिताबो
  • अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना है लीड रोल में
  • जानें कैसी है फिल्म, पढ़ें मूवी रिव्यू

बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म गुलाबो सिताबो आज यानी 12 जून को ऑनलाइन रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी लखनऊ स्थित फातिमा महल पर आधारित है जिसे लेकर मकान मालिक मिर्जा (अमिताभ बच्चन) और किरायेदार बांके रस्तोगी (आयुष्मान खुराना) के इर्द गिर्द घूमती है।

कहानी: लखनऊ में 100 साल पुरानी हवेली फातिमा महल है जिसमें मिर्जा (अमिताभ बच्चन) अपनी पत्नी बेगम और नौकरों के साथ रहते हैं। यह हवेली जर्जर हालत में है, जिसमें कई परिवार रहते हैं जो औसतन 30-70 रुपये किराया देते हैं। इन्ही किरायेदारों में से एक है बांके रस्तोगी (आयुष्मान खुराना) जिसका हमेशा मिर्जा से झगड़ा होता है और एक दूसरे पर तंज कसते रहते हैं।

बांके और उसके परिवार समय से घर का किराया नहीं देता और मिर्जा को परेशान करता है वहीं दूसरी तरफ मिर्जा उसे घर से निकालने के लिए हर कोशिश करता है। वहीं बांके का कहना है कि उसका परिवार पिछले सात दशक से यहां रह रहा है। मिर्जा घर के किरायेदारों से पार्किंग का किराया बढ़ाने की बात करता है तो बांके कॉलेज के लड़कों को बुलाकर उसकी पिटाई करवाने तक की धमकी देता है। 

इस बीच पुरातत्व विभाग का एक अफसर मिस्टर ज्ञानेश मिश्रा (विजय राज) की एंट्री होती है और उसे लगता है कि यह हवेली राष्ट्रीय विरासत संपत्ति बनने की क्षमता रखती है। वो बांके को यह समझाने की कोशिश करता है कि किस तरह मिश्रा का प्लान उसके लिए अच्छा है लेकिन वो ऐसा करने में सफल नहीं हो पाता। बांके भी एक बिल्डर क्रिस्टोफर क्लार्क (ब्रिजेंद्र काला) को ले आता है जिसके बाद हवेली को लेकर लड़ाई शुरू हो जाती है। इस दौरान कई मजेदार और हंसाने वाले सीन व डायलॉग आते हैं। साथ ही यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर हवेली किसे मिलती है।

गुलाबो सिताबो का ट्रेलर

एक्टिंग: शूजित सरकार ने फिल्म के हर सीन को अच्छी तरह फिल्माया है। फिल्म में अमिताभ बच्चन ने बेहतरीन काम किया है और अपने रोल को बखूबी निभाया है और एक बार फिर साबित कर दिया कि उन्हें सुपरस्टार क्यों कहा जाता है। फिल्म में आयुष्मान भी अपनी दमदार एक्टिंग और किरदार से दिल जीतने में कामयाब रहे। तो वहीं विजय राज और ब्रिजेंद्र काला ने भी अपना रोल बखूबी निभाया।

क्यों देखें फिल्म: फिल्म में जूही चतुर्वेदी ने जो किरदार लिखे हैं वो अपने आप में मजेदार हैं। फिल्म का हर किरदार खुद में खास है और जब- जब पर्दे पर आता है अपना काम बखूबी निभाता है। हालांकि बाद में फिल्म थोड़ी सी खिंची हुई लगती है जिसे थोड़ा कम किया जा सकता था लेकिन मनोरंजन के लिए फिल्म परफेक्ट है। अमिताभ और आयुष्मान के लिए फिल्म को जरूर देखें। हालांकि दर्शकों को सिनेमाघर में फिल्म देखने का मौका नहीं मिला लेकिन इस फिल्म को परिवार के साथ एन्जॉय कर सकते हैं।

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