Sherni Review in Hindi: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच सिनेमाघरों में भले ही ताले लगे हों लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने की कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर फिल्म मेकर्स अपनी फिल्मों और शोज को रिलीज करने के लिए ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं। हाल ही में अमेजन प्राइम पर बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा विद्या बालन की बहुप्रीतिक्षित फिल्म शेरनी रिलीज हो गई है। अगर रिव्यू की बात करें तो एक डायलॉग इस पूरी फिल्म का सार बयां कर देती है और वो डायलॉग है- 'अगर विकास के साथ जीना है तो पर्यावरण को बचा नहीं सकते और अगर पर्यावरण को बचाने जाओ तो विकास बेचारा उदास हो जाता है।’
यह डायलॉग आज के दौर में बहुत मायने रखता है कयोंकि विकास के नाम पर पर्यावरण को जिस तरह से नष्ट किया जा रहा है, उसके दुष्परिणाम नजर आ रहे हैं और इंसान दुष्परिणामों के प्रभाव को झेलने लगा है। इस फिल्म में पर्यावरण को बचाने की एक मुहिम विद्या ने झेडी है। शेरनी में विद्या बालन एक बार फिर दर्शकों को अपने काम से मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार हैं। फिल्म में विद्या ने एक फॉरेस्ट ऑफिसर का रोल निभाया है जोकि उनके करियर का काफी खास रोल होने जा रहा है। विद्या बालन के अलावा नीरज काबी, मुकुल चड्ढा, शरत सक्सेना, बिजेंद्र काला, ईला अरुण जैसे सितारे इसमें अहम किरदार निभा रहे हैं।
टी-सीरीज और अबुदंतिया एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित, अमेजन ओरिजिनल मूवी शेरनी का निर्देशन पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अमित मसुरकर ने किया है, जिन्हें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म 'न्यूटन' के लिए जाना जाता है। अमित ने बेहद खूबसूरत तरीके से एक संजीदा मुद्दे को उठाया है और उसे रोमांच के साथ पर्दे पर उतारने का काम किया है। फिल्म हमें एक एक वन अधिकारी की यात्रा दिखाती हैं जो मानव-पशु संघर्ष की दुनिया में संतुलन के लिए प्रयास करती है।
खासबात ये है कि फिल्म में सभी सितारों की अदाकारी जितनी शानदार है, डायलॉग भी उतने ही प्रभावशाली हैं। विद्या बालन का डायलॉग काफी वायरल हो रहा है- 'जंगल कितना भी घना क्यों ना हो, शेरनी अपना रास्ता ढूंढ ही लेती है।' ये फिल्म ये इंसान और वाइल्डलाइफ के टकराव की कहानी है जिसमें दर्शकों को एडवेंचर देखने को मिलेगा।
फिल्म में 4-5 साल की ऑफिस पोस्टिंग के बाद विद्या बालन को फील्ड में तैनाती मिलती है। उनके क्षेत्र में एक शेरनी (बाघिन) आदमखोर हो जाती है। आस-पास के दो गांव वालों को मार चुकी है। उस शेरनी को पकड़ने की कोशिश शुरू होती है, कैमरे लगाए जाते हैं। तमाम कोशिशों और दफ़्तर में यज्ञ-हवन के बाद भी शातिर शेरनी को पकड़ने में नाकाम रहता है। इसी बीच राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो जाती है। विद्या विंसेंट (विद्या) किसी भी तरह आदमखोर बाघिन के शिकार के पक्ष में नहीं है। लेकिन स्थानीय राजनेता इसे सरकार की नाकामी बताते हैं! विद्या का बॉस बंसल (बृजेन्द्र काला) अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है और बाघिन को मारने के लिए प्राइवेट शिकारी रंजन राजहंस यानी पिंटू भैया की मदद लेता है। इस बीच पता चलता है कि बाघिन के दो बच्चे भी हैं। पूरा महकमा किसी भी तरह बाघिन से पीछा छुड़ाना चाहते हैं, चाहे उसे मारना ही क्यों ना पड़े लेकिन विद्या विंसेंट उसे बचाना चाहती है।
कलाकार- विद्या बालन, बृजेंद्र काला, नीरज कबी, मुकुल चड्ढा, विजय राज़, शरत सक्सेना, इला अरुण आदि।
निर्देशक- अमित मसुरकर
निर्माता- टी-सीरीज, एबंडनशिया एंटरटेनमेंट।
रेटिंग- ***1/2 (साढ़े तीन स्टार)
अवधि- 2 घंटा 2 मिनट
Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।