Faridabad News: शहर की 2500 अवैध कॉलोनियां सिमट कर अब हो जाएंगी 553, होने जा रहा यह बड़ा बदलाव, यह है कारण

Faridabad News: फरीदाबाद में अवैध कॉलोनियों का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। सर्वे के दौरान शहर में 2500 अवैध कॉलोनियां मिली हैं, जिन्‍हें एक दूसरे के साथ जोड़कर 553 कॉलोनी बना दी गई है। इनकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। सरकार द्वारा इन कॉलोनियों की समीक्षा करने के बाद इनमें सुविधा विकसित करने का कार्य किया जाएगा।

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जिला नगर योजनाकार के सर्वे में फरीदाबाद में मिली 2500 अवैध कॉलोनियां   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • जिला नगर योजनाकार विभाग के सर्वे में मिली 2500 अवैध कॉलोनियां
  • ये कॉलोनियां हो चुकी है 5 से 40 फीसदी तक विकसित, बनाई गई रिपोर्ट
  • सर्वे कार्य पूरा कर कॉलोनियों की रिपोर्ट भेजी गई सरकार के पास

Faridabad News: फरीदाबाद की कॉलोनियों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शहर के अंदर मौजूद 2500 अवैध कॉलोनियों को एक दूसरे में जोड़कर 553 कॉलोनी बना दी गई है। यह बदलाव शहर की अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा किए जा रहे सर्वे कार्य के दौरान किया गया। इन सभी कॉलोनियों का सर्वे कर इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। अब सरकार इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का खाका तैयार करेगी। इसके बाद इन जगहों पर रहने वाले पांच लाख से अधिक लोगों को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

बता दें, इन अवैध कॉलोनियों में फिलहाल पेयजल, बिजली व सीवर की स्थायी व्यवस्था नहीं है। कॉलोनाइजर इन कॉलोनियों को काटकर गायब हो चुके हैं। वहीं प्लाट लेने वाले लोगों ने यहां पर मकान तो बना लिए, पर सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने और मूलभूत सुविधाओं को विकसति करने के लिए नियमित करने जा रही है, जिसके लिए सर्वे कराया गया है।

यमुना नदी के किनारे तक फैल चुका है कॉलोनियों का जाल

जिला नगर योजनाकार राजेंद्र शर्मा ने बताया कि, शहर के अंदर रोक के बावजूद धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी विकसित हुई हैं। सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां ग्रेटर फरीदाबाद में बनी हैं। यहां के लगभग सभी गांव में अवैध कॉलोनी काटी जा चुकी हैं। सर्वे के दौरान हमें 2500 जगह कॉलोनी कटी हुई मिली। इन सभी में पांच से 40 फीसद तक निर्माण हो चुका है। इनमें जो कॉलोनी पास-पास थी, उन सभी को मिलाकर एक कर दिया गया। इस हिसाब से सर्वे के दौरान 553 कॉलोनियों की सूची तैयार की गई। इन सभी को एक नंबर दिया गया है। राजेंद्र शर्मा ने बताया कि, सर्वे के दौरान प्रत्येक कॉलोनी में देखा गया है कि, कितने निर्माण हो चुके हैं और यहां क्या-क्या सुविधाएं हैं। ये कॉलोनियां कितने एकड़ में विकसित है, इनको कहां से बिजली मिलती है और इन जगहों पर सीवर-पेयजल की क्या स्थिति है। इनकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।

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