Faridabad Fraud: ये है चोरों का मददगार फर्जी खाकी वाला, लोगों से ऐसे करता था ठगी, जान आप भी रह जाएंगे हैरान

Faridabad Fraud: तेजपाल सिंह (30) मथुरा जनपद के गांव नंगला दीपा का निवासी है। उसके पास से टीम को यूपी पुलिस के फेक आइडी कार्ड के अलावा 4 आधार कार्ड मिले हैं। टीम प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि, आरोपी के पास मिले पुलिस के फेक आइडी कार्ड में उसकी फोटो व नाम पते रियल हैं।

Faridabad Fraud
आप भी जानिए फरीदाबाद के फर्जी 'वर्दी वाले गुंडे' के बारे में  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • आरोपी नकली खाकी की आड़ में वाहन चोरों की मदद करता था
  • भाई यूपी पुलिस में है व पिता होमगार्ड
  • बेरोजगार था तो बन गया नकली पुलिसवाला

Faridabad Fraud: भईया हमारे भए कोतवाल तो फिर डर काहे का, कुछ ऐसा ही मामला यूपी के फरीदाबाद में सामने आया है। जहां पर यूपी के पुलिस महकमे में भाई की नौकरी और बाप के होमगार्ड होने के दम पर खुद ने भी नकली खाकी पहन ठगी शुरू कर दी। सबसे पहले तो यूपी पुलिस का फेक आइडी कार्ड बनवाया। इसके बाद लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू किया। इससे भी पेट नहीं भरा तो अधिक नोटों के लालच में फर्जी खाकी की आड़ में वाहन चोरों की मदद कर चोरी के वाहनों को टोल नाकों से पार करवाने लगा।

पुलिस को आरोपी की करतूतों की जानकारी मिली तो उसे दबोचने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने कमर कसी। इसके बाद फर्जी पुलिसवाले को धर लिया। क्राइम ब्रांच के प्रभारी निरीक्षक रविंदर सिंह ने बताया कि आरोपी यहां किसी को नौकरी लगवाने का झांसा देकर उसके साथ एत्मादपुर आया हुआ था। जिसकी टीम को जानकारी मिलने पर उसे बाइपास रोड़ से दबोचा गया है। उन्होंने बताया कि, तेजपाल सिंह (30) मथुरा जनपद के गांव नंगला दीपा का निवासी है। उसके पास से टीम को यूपी पुलिस के फेक आइडी कार्ड के अलावा 4 आधार कार्ड मिले हैं। टीम प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि, आरोपी के पास मिले पुलिस के फेक आइडी कार्ड में उसकी फोटो व नाम पते रियल हैं। जबकि चारों यूनिक आइडी कार्ड में उसका फोटो सही है पर नाम पते अलग- अलग हैं। 

दोस्तों पर भी गांठता था रौब

अपराध शाखा प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने कुछ भी सही नहीं बताया। इसके बाद सेक्टर- 31 के थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी व फेक डॉक्यूमेंट्स रखने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे तीन दिन के पीसी रिमांड पर सौंपा गया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि, टोल व बस का किराया बचाने के लिए आरोपी ने पुलिस की नकली वर्दी पहनी। वहीं पूछताछ में सामने आया है कि वह वर्दी का दोस्तों पर भी रौब गांठता था। अपराध शाखा अब आरोपी से पूछताछ कर यूपी पुलिस का आइडी कार्ड बनवाने में मदद करने वाले के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस के मुताबिक फर्जीवाड़े के चलते आरोपी एक बार जेल जा चुका है। 
 

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