Faridabad News: सावधान! नगर निगम का पानी कर सकता है आपकी सेहत खराब, जांच में फेल हो गए 50% से अधिक नमूने

Faridabad News: फरीदाबाद में नगर निगम द्वारा सप्‍लाई किया जाने वाला पानी पीने के योग्य नहीं है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा लिए गए 60 सैंपल में से 33 सैंपल पूरी तरह से फेल हो गए हैं। वहीं 27 सैंपल की जांच रिपोर्ट संतोषजनक आई है। सैंपल फेल होने का कारण क्लोरीन की कम मात्रा है।

Drinking water supply sample failed
फरीदाबाद में पेयजल आपूर्ति का 50% सैंपल फेल  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • तीन माह के दौरान शहर के विभिन्‍न जगहों से लिए गए थे सैंपल
  • पानी के 60 सैंपल में से 33 हुए पूरी तरह से फेल, 27 संतोषजनक
  • सैंपल फेल होने का मुख्‍य कारण पानी में क्‍लोरीन की कम मात्रा

Faridabad News: फरीदाबाद में नगर निगम द्वारा सप्‍लाई होने वाले पानी को अगर आप बगैर फिल्टर पी रहे हैं, तो यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए घातक साबित हो सकता है। क्‍योंकि यह पानी पीने के योग्‍य नहीं है। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के विभिनन इलाकों से लिए पानी के सैंपल की जांच के बाद हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने तीन माह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में स्थित नगर निगम के पानी सप्‍लाई करने वाले ट्यूबवेलों से 60 सैंपल लिए थे। उनमें से 33 सैंपल पूरी तरह से फेल हो गए। 

मतलब इन जगहों का पानी पीने के लायक ही नहीं है। वहीं 27 सैंपल की जांच रिपोर्ट संतोषजनक आई है। बता दें कि शहर के अंदर नगर निगम के विभिन्‍न ट्यूबवेल से पेयजल की आपूर्ति की जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने पानी की जांच के लिए ओल्‍ड फरीदाबाद, डबुआ कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी सहित कई अन्य कॉलोनियों में स्थित ट्यूबवेल से पानी के नमूने लिए थे। 

इस पानी को पीने से हो सकते हैं ये रोग

स्वास्थ्य विभाग ने अपनी जांच में पाया कि इनमें से अधिकतर जगहों पर सप्‍लाई होने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा बेहद कम थी। ऐसे पानी को पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने यह रिपोर्ट नगर निगम को भी भेजी है और उनसे पानी की गुणवत्‍ता में सुधार को कहा है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के इस रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बादशाह खान अस्पताल के डॉ. योगेश गुप्ता ने बताया कि जो सैंपल लिए गए हैं, इनमें कुछ ऐसे स्थानों के भी पानी के सैंपल शामिल किए गए हैं, जो आते तो नगर निगम के अंदर हैं, लेकिन वहां पर नगर निगम पानी की आपूर्ति नहीं करता। इन इलाकों में लोग खुद से सबमर्सिबल लगाकर अपनी प्‍यास बुझा रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि क्लोरीन की मात्रा कम होने से उसे पीने वालों में जल जनित बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। 

पानी में क्लो​रीन कम और ज्यादा होना हानिकारक 

पानी में क्लोरीन अधिक या कम दोनों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। अगर कम क्लोरीन वाला पानी कोई पीता है तो वह हानिकारक बैक्टीरिया का शिकार बन सकता है। इससे उसे निमोनिया, डायरिया, उल्टी, दस्त जैसी बीमारी होती है। उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामभगत ने बताया कि रिपोर्ट नगर निगम को दे दी गई है। अब यह उनपर निर्भर करता है कि वे पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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