Faridabad Police: थानों में झूठे मुकदमे दर्ज कराना पड़ेगा महंगा, पुलिस की सख्‍ती, चार माह में 84 पर कार्रवाई

Faridabad Police: फरिदाबाद पुलिस इस समय झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों पर लगातार सख्‍त कार्रवाई कर रही है। फरीदाबाद पुलिस के अनुसार बीते चार महीनों में ऐसी शिकायतों की पहचान कर 84 लोगों के खिलाफ मामल दर्ज किया गया। इसमें सबसे ज्‍यादा बीते मई महीने में 25, अप्रैल में 19, मार्च में 25 और फरवरी में 15 मामले दर्ज किये गये।

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पुलिस में झूठी शिकायत देने पर होगी एफआईआर दर्ज   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों पर फरीदाबाद पुलिस की नकेल
  • ऐसे लोगों पर धारा 182 के तहत दर्ज किया जा रहा मामला
  • चार माह के अंदर 84 झूठी शिकायतों की पहचान कर हुई कार्रवाई

Faridabad Police: गुरुग्राम की तरह अब फरीदाबाद पुलिस ने भी गलत व झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फरिदाबाद पुलिस ने सख्‍त कार्रवाई करते हुए बीते चार माह में 84 ऐसे लोगों पर मामला दर्ज किया है, जिन्‍होंने पुलिस के पास झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। ये मामले जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 182 के तहत दर्ज किए गए है। फरीदाबाद पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते मई महीने में 25, अप्रैल में 19, मार्च में 25 और फरवरी में 15 मामले दर्ज कराए गए थे।

बता दें कि, पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा ने थानों में झूठी शिकायत दर्ज कराने और निर्दोष लोगों को फंसाने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दे रखें हैं। जिसके बाद से पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार सख्‍ती बरत रही है। इसके लिए सभी थानों में एक ऐसी टीम का भी गठन किया गया है, जो दर्ज होने वाली शिकायतों का क्रॉस चेक करती है, अगर शिकायत झूठी मिली तो शिकायतकर्ता पर ही कार्रवाई की जाती है।

अपने ही सहयोगी पर दर्ज करा दी अपहरण और लूट की शिकायत

फरीदाबाद पुलिस के अनुसार, पिछले शनिवार को ही एक 35 वर्षीय व्यक्ति को अपने व्यापारिक सहयोगी के खिलाफ अपहरण और लूट की झूठे शिकायत दर्ज करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स फर्म चलाने वाले व्यक्ति ने सदर बल्लभगढ़ पुलिस स्टेशन में अपने दो व्यापारिक सहयोगी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी कि, दोनों ने दयालपुर के पास उसकी कार को रोककर अपहरण कर उससे 10 लाख रुपये लूट लिए। पुलिस जांच के दौरान शिकायतकर्ता के बयान और घटना के क्रम दोनों में असमानता मिली। जांच में पता चला कि, शिकायतकर्ता अपने व्यापारिक सहयोगी से स्पेयर पार्ट्स खरीदता था। हाल ही में शिकायतकर्ता के द्वारा उसके यहां से खरीदे गये समान के बाद में भुगतान की बात की गयी थी। व्यापारिक सहयोगी के द्वारा इनकार करने पर शिकायतकर्ता ने अपने हिसाब से कहानी बनाकर लूट और अपहरण का झूठा मामला दर्ज कराया।

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