Faridabad Air Pollution: अब इस खास पौधे से बदली जाएगी शहर की हवा, मिलेगी प्रदूषण से मुक्ति, लगेंगे लाखों पेड़

Faridabad Air Pollution: फरीदाबाद की हवा की गुणवत्‍ता में सुधार करने के लिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण इस मॉनसून में शहर के अंदर लाखों पेड़ लगाने जा रहा है। इसके लिए संयुक्त बागवानी शाखा भी बनाई जा रही है। शहर के अंदर अब मियावाकी वन की तर्ज पर पौधारोपण किया जाएगा।

Miyawaki Method
मियावाकी पद्धति से लगी झाड़िया   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • फरीदाबाद में लगेंगे मियावाकी वन पद्धति से पौधे
  • डिवाइडर व ग्रीनबेल्ट में लगेंगे 10 लाख झाड़ीनुमा पौधे
  • इसी मॉनसून सीजन में शुरू किया जाएगा पौधारोपण का कार्य

Faridabad Air Pollution: देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल फरीदाबाद की हवा जल्‍द ही बदलने वाली है। शहर की हवा को साफ करने और शहरवासियों को वायु प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण एक नई योजना पर काम कर रहा है। जिसके तहत अब शहर में जापान के मियावाकी वन की तर्ज पर लाखों पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही सड़कों के डिवाइडर व ग्रीनबेल्ट में भी करीब 10 लाख झाड़ीनुमा पौधे रोपे जाएंगे।

इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए शहर में अब एक संयुक्त बागवानी शाखा तैयार की जाएगी। सरकार की तरफ से इस शाखा को अपनी नर्सरी और अन्य संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि, इस योजना की घोषणा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर चुके हैं। सीएम की घोषणा के बाद ही जिला प्रशासन ने इस योजना पर कार्य शुरू किया। इसका मुख्‍य मकसद शहर को हरा भरा बनाने के साथ वायु प्रदूषण मुक्‍त करना है।

यह है मियावाकी पद्धति

बता दें कि, फरीदाबाद में जिस मियावाकी पद्धति से पौधारोपण की तैयारी चल रही है, इसे जापान के पर्यावरणविद् डी अकीरा मियावाकी ने इजाद किया था। इनके नाम पर ही इसे मियावाकी पद्धति कहा जाने लगा। इस पद्धति में आधा से एक फीट की दूरी पर पौधे रोपे जाते हैं। इससे पौधे सिर्फ ऊपर से ही सूर्य की किरणें प्राप्त करते हैं। सघनता की वजह से ये पौधे सूरज की रोशनी को धरती पर नहीं आने देते। इससे नीचे दूसरे खरपतवार नहीं उग पाते हैं और रोपे गए पौधे ऊपर की ओर अधिक वृद्धि करते हैं। तीन वर्षों के बाद इन पौधों को देखभाल की आवश्यकता नहीं रहती। पौधों की वृद्धि 10 गुना व सघनता 30 गुना अधिक हो जाती है। ये काफी घने होते हैं, इसलिए कम जगह में वायु को अधिक साफ करते हैं।

ग्रीनबेल्ट व डिवाइडर पर लगेंगे झाड़ीनुमा पौधे

वहीं दूसरी योजना के तहत ग्रीनबेल्ट व डिवाइडर पर झाड़ीनुमा पौधे लगाए जाएंगे। ये कम लंबाई वाले होंगे और इनमें कोई तना नहीं होता। ये पौधे खूब ऑक्सीजन छोड़ते हैं और सड़कों की सुंदरता बढ़ती है। इसके रोपने और देखरेख का कार्य संयुक्त बागवानी शाखा करेगी। इसके अलावा एक लाख पौधे ट्री गार्ड के अंदर लगाए जाएंगे, ताकि बेसहारा जानवर इन्हें नुकसान न पहुंचाए। एफएमडीए की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ गरिमा मित्‍तल ने कहा कि, मॉनसून में पौधारोपण का कार्य शुरू हो जाएगा। और दो माह के अंदर इसे पूरा कर लिया जाएगा।

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