Palval MGNREGA SCAM: पलवल से शुरू हुए मनरेगा घोटाले की आंच अब फरीदाबाद तक पहुंच गई है। पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली ने नोटिफिकेशन जारी कर इस मामले की जांच स्टेट विजिलेंस को सौंप दी है। जिसके साथ पलवल के बाद अब फरीदाबाद भी इस जांच के दायरे में आ गया है। इस घोटाले की जांच यहां की नीमका और मुजैड़ी पंचायत में खासतौर से की जाएगी। इन दोनों पंचायतों में लगातार घोटाले की शिकायतें मिल रही थी। बता दें कि, इस घोटाले की जांच पहले भी तीन बार हो चुकी है अब चौथी बार स्टेट विजिलेंस इस मामले की जांच कर रहा है।
50 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ
पलवल में पिछले दो साल के अंदर मनरेगा कार्यों में 50 करोड़ रुपये का घोटाले की शिकायत मिली थी। इस घोटाले का खुलासा मनरेगा लोकपाल और सीईओ जिला परिषद की जांच में हुआ था। जांच में बताया गया कि कोरोना काल के समय ही 26 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। इस मामले का खुलासा होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। तब से लेकर अब तक 8 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी स्वेच्छा से इस्तीफा दे चुके हैं।
सिर्फ कागजों में चलता रहा मनरेगा का कार्य
मनरेगा के रिकार्ड के अनुसार पलवल, हथीन, होडल, हसनपुर, बडौली, पृथला खंडों के 200 गांवों में मनरेगा योजना के तहत मिट्टी भराई के काम किए गए थे। जब इन परियोजनों की सीईओ जिला परिषद प्रशांत अटकान ने जांच की तो यह घोटाला सामने आया। जांच में पता चला कि 66 गांवों में कहीं भी काम नहीं किया गया है। इसके बाद मनरेगा लोकपाल पंकज शर्मा ने भी जांच की, उनकी जांच में भी कहीं काम नहीं दिखा। घोटाले का पता चलने के बाद चंडीगढ़ से एक टीम भी जांच के लिए आई, इस टीम के जांच में भी घोटाला होने की पुष्टि हुई। अब इस घोटाले का तार फरीदाबाद से भी जुड़ चुके हैं। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े कई अधिकारियों पर कार्रवाई देखने को मिल सकती है।