Family identity card linked to property ID: अब प्रॉपर्टी आईडी से लिंक होंगे सभी परिवार पहचान पत्र

Family identity card will be linked to property ID: फरीदाबाद नगर निगम अब प्रॉपर्टी आईडी को परिवार पहचान पत्र से लिंक कर रहा है। इससे प्रॉपर्टी के नाम पर होने वाला फर्जीवाड़े पर अंकुश लेगेगा। इस योजना के लिए निगम ने डूर टू डोर सर्वे शुरु कर दिया है।

Faridabad Municipal Corporation
अब प्रॉपर्टी से लिंक होंगी आईडी  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • प्रॉपर्टी आईडी को परिवार पहचान पत्र से किया जाएगा लिंक
  • आम लोगों को फर्जीवाड़े से बचाने की लिए लाई गई यह योजना
  • निगम की टीमों ने डोर टू डोर जाकर शुरु किया सर्वे

Family identity card will be linked to property ID: फरीदाबाद नगर निगम अब प्रॉपर्टी आईडी को परिवार पहचान पत्र से लिंक करने जा रहा है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जोन स्तर पर टीमों का गठन भी कर दिया गया है। जल्‍द ही, ये टीमें घर-घर जाकर परिवार पहचान पत्र को संपत्ति आईडी से जोड़ने का काम करेगा। इस योजना के बारे में बताते हुए क्षेत्रीय काराधान अधिकारी (मुख्यालय) विजय सिंह ने बताया कि, राज्‍य सरकार ने संपत्ति आईडी को परिवार पहचान पत्र से लिंक करने का आदेश है।

इस योजना को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। नए सर्वे के अनुसार, इस समय निगम में करीब 5.5 लाख संपत्ति आईडी हैं। हालांकि, इस पर अभी लोग टैक्स नहीं दे रहे हैं। अभी पुरानी आईडी करीब 2.6 लाख पर ही टैक्स वसूला जा रहा है। नई प्रॉपर्टी आईडी याशी कंपनी से कराए गए सर्वे के मुताबिक हैं। इन सभी को पुर्नमूल्यांकन (रि-असेसमेंट) के नोटिस दिए जा रहे हैं। प्रॉपर्टी आईडी को पीपीपी से लिंक किया जाएगा, क्योंकि एक अप्रैल 2022 से नई प्रॉपर्टी आईडी लागू हो जाएगी।

प्रॉपर्टी आईडी में सुधार की जरूरत

निगम अधिकारियों ने बताया कि, याशी कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में पता चला है कि, नई प्रॉपर्टी आईडी में काफी गड़बड़ियां हैं, जिसे पुर्नमूल्यांकन के लिए नोटिस दिए गए है। इसके लिए कंपनी की ओर से जोनवार टीमों को लगाया गया है। अभी तक कंपनी करीब 15 हजार नई आईडी पर संपत्ति कर का नोटिस भेज चुकी है। इसमें करीब एक हजार लोगों ने कंपनी को शिकायत दी है। इसमें नाम, पता समेत अन्य गलतियां दर्ज हैं। लोगों की शिकायत के बाद उसे ठीक किया जा रहा है।

रूकेगा फर्जीवाड़ा

प्रॉपर्टी आईडी का परिवार पहचान पत्र के साथ लिंक होने के बाद विभाग के पास सही रिकॉर्ड पहुंच जाएंगे। जिसके बाद फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर अपने नाम चढ़ाने के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। पहचान पत्र से आईडी लिंक होने पर संपत्ति के असली वारिस की पहचान भी आसानी से होगी। रिकॉर्ड होने से व्यक्ति की प्रापर्टी की जानकारी विभाग के पास होगी। फर्जीवाड़ा कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम प्रॉपर्टी नहीं हो सकेगी। इससे प्रापर्टी संबंधित सभी विवाद व समस्याओं की संभावना भी खत्म होगी।

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