Ghaziabad News: वायु प्रदूषण मुक्‍त करने का पायलट प्रोजेक्ट सफल, अब इन जगहों पर विकसित होंगे 10 मिनी जंगल

Ghaziabad News:गाजियाबाद नगर निगम शहर को प्रदूषण मुक्‍त करने के लिए मियावाकी पद्धित से 10 मिनी जंगल विकसित करेगा। इसके लिए निगम द्वारा पूरी योजना तैयार कर ली गई है। निगम ने इसके लिए पिछल साल पायलट प्रोजेक्‍ट शुरू किया था जो सफल रहा। हर मिनी जंगल में 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

plantation in ghaziabad
गाजियाबाद में विकसित होंगे 10 मिनी जंगल   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • गाजियाबाद में निगम विकसित करेगा 10 मिनी जंगल
  • पहला जंगल बनाया जाएगा कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र में
  • इन जगहों को मियावाकी पद्धित से किया जाएगा विकसित

Ghaziabad News:  गाजियाबाद को प्रदूषण मुक्‍त बनाने के लिए शहर के अंदर 10 मिनी जंगल विकसित किए जाएंगे। इन जंगल को जापान के वनस्पति-वैज्ञानिक डी. अकीरा मियावाकी की पद्धति से लगाया जाएगा। प्रशासन की तरफ से पहले ही पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर इस पद्धति से पौधे साईं उपवन में लगाए गए थे, जो सफल रहा। इस वजह से अब प्रशासन इसी पद्धति से 10 मिनी जंगल विकसित करेगा। अधिकारियों का मानना है कि, इससे शहर के प्रदूषण में भारी कमी आएगी।

नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि, पिछले साल 10 मिनी जंगल बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर साईं उपवन के एक एकड़ भूमि पर पौधे लगाए थे। जिस जगह पर ये पौधे लगाए गए थे, वह जगह अब मिनी जंगल का रूप ले रही है। यहा पर एक भी पौधा खराब नहीं हुआ है। इस प्रोजेक्ट को पहले ही सफल माना जा चुका था, लेकिन अब इसकी आधिकारिक घोषणा की गई है।

एक जगह में रोपित होंगे 10 हजार पौधे

नगर आयुक्‍त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि, अब निगम की तरफ से कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र में इस पद्धति से 10 हजार पौधे रोपित किए जाएंगे। इस पद्धति में एक वर्ग मीटर पर तीन बड़े पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही उनके बीच में एक या दो ऐसे पौधे लगेंगे जो पूर्ण विकसित होने पर भी छोटे ही रहेंगे। इस तरह एक जंगल को विकसित करने में करीब साढ़े तीन लाख की लागत आएगी। इसी तरह से शहर के अंदर 10 मिनी जंगल विकसित किए जाएंगे। इसके लिए जगह का सर्वे किया जा रहा है।

ये है जापानी पद्धति

जापान की जिस मियावाकी पद्धति से इन जगहों को विकसित किया जाना है, वह पूरे विश्व में प्रचलित है। इसे जापानी वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. अकीरा मियावाकी ने इजाद किया था। इसमें पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोद कर मिट्टी के अनुकूल पौधे आधे-आधे फीट की दूरी पर लगाए जाते हैं। इस पद्धति में झाड़ीनुमा, मध्यम आकार के छायादार पेड़ लगाए जाते हैं। इस पद्धति से पौधे 10 गुना तेजी बढ़ते हैं और 30 गुना ज्यादा घने हो जाते हैं।

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