Ghaziabad News: गाजियाबाद के एक स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्र प्रिंसिपल से छुट्टी मांगने गए। छात्रों ने बताया कि उनके एक दोस्त की डेथ हो गई है। जिसके शोक समारोह में जाना है। इस दौरान प्रिंसिपल को छात्रों के हावभाव व रहन-सहन पर शक हुआ और छुट्टी नहीं दी। इसके उलट प्रिंसिपल ने इन छात्रों के अभिभावकों से शिकायत कर दी की आपके लड़के शायद गलत संगत में पड़ गए हैं, उन्हें संभाल लो। इसके दो दिन बाद ही स्कूल परिसर से प्रिंसिपल की बाइक गायब हो गई। प्रिंसिपल ने इसे सामान्य चोरी समझ पुलिस में शिकायत कर दी और नई बाइक भी खरीद ली।
वहीं शिकायत मिलने के बाद जांच में जुटी मधुबन बापूधाम थाना धीरे-धीरे कर चोरों के नजदीक पहुंचती गई और चार चोरों को दबोच लिया। ये वही छात्र थे जिन्हें प्रिंसिपल ने छुट्टी देने से इंकार करने के साथ घर पर शिकायत कर दी थी। इन छात्रों से पूछताछ में एक रहस्य की ऐसी परत खुलने लगी, जिसे सुन पुलिस के अधिकारी भी आवाक रह गए। कुछ ही देर में जिले के अंदर बाइक चोरी के 20 से ज्यादा मामले सुलझ गए। इन आरोपियों ने बताया कि उन लोगों ने दोस्तों के साथ घूमने जाने का प्लान बनाया था, लेकिन प्रिंसिपल ने छुट्टी नहीं दी, साथ ही घर पर शिकायत कर दी। इसलिए उनकी बाइक चोरी कर पांच हजार में बेच दी।
मधुबन बापूधाम थाना प्रभारी मुनेश कुमार ने बताया कि इन आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि सिर्फ दो माह के अंदर ही इन लोगों ने 20 बाइक चोरी की है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने 10 बाइक और नंबर प्लेट बरामद भी कर लिए हैं। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए यह बाइक चोर गैंग बनाई थी। ये आरोपी पहले सुनसान जगहों पर कुछ दिन तक वाहनों की रेकी करते हैं और फिर शाम के समय मौका देखकर बाइक चोरी कर लेते थे। इसके बाद बाइक की नंबर प्लेट बदलकर या हटाकर कुछ समय तक अपने पास रखते हैं और बाद में अपनी मजबूरी बताकर पांच से छह हजार रूपए में गांव के लोगों को बेच देते थे।