Ghaziabad News: दवा दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

Ghaziabad News: गाजियाबाद पुलिस ने दवा कारोबार से जुड़े लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके खातों में पड़े करीब पौने नौ लाख रुपए फ्रीज करा दिए हैं।

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दिल्‍ली में बैठकर गाजियाबाद में ठगी करता था यह गिरोह।  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आरोपियों के खातों में पड़े नौ लाख फ्रीज
  • पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
  • आरोपी दिल्‍ली में बैठकर चलाते थे गिरोह

Ghaziabad News: गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस और साइबर क्राइम सेल ने दवा कारोबार से जुड़े लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके खातों में पड़े करीब पौने नौ लाख रुपए फ्रीज करा दिए हैं। साथ ही इनके पास से 12 चेक, 3 पेन कार्ड, 18 एटीएम कार्ड, 4 मोबाइल, एक मुहर और 9 हजार रुपए नगद बरामद किए हैं।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह गिरोह अब तक साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस द्वारा साझां की गई जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों इंदिरापुरम और मधुबन बापूधाम थाने पर साढ़े 32 लाख रुपए ठगने की दो शिकायतें आईं थी। साइबर सेल ने दोनों शिकायतों की जांच करते हुए लाजपत नगर दिल्ली में रह रहे बिजनौर निवासी सुरेंद्र को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि ठगी का पैसा सुरेंद्र के खातों में गया था। सुरेंद्र की निशानदेही पर दो और अभियुक्त रूपचंद निवासी ग्राम बेरहमपुर, थाना सलोन (रायबरेली) व नवीन कुमार निवासी त्रिलोकपुरी दिल्ली को गिरफ्तार किया।

गैंग सबसे पहले फर्जी नाम-पते पर आधार कार्ड बनवाता था

पुलिस के अनुसार, यह गैंग ठगी करने से पहले फर्जी नाम-पते पर आधार कार्ड बनवाता था। इसके बाद उस आधार कार्ड के जरिये मोबाइल सिम खरीदते थे और फिर बैंक खाते खुलवाते थे। इस गिरोह से एक ऐसा व्यक्ति मिला हुआ था, जो इनको दवा कारोबार से जुड़े लोगों की डिटेल्स उपलब्ध कराता था। गिरोह में शामिल नाइजीरियन मूल के नागरिक ऐसे कारोबारियों से कॉल करते थे। बताते थे कि वह कैंसर, टीबी जैसी घातक बीमारियों की दवा का रॉ मैटेरियल उपलब्ध कराते हैं। भरोसा जमाने के लिए कारोबारी के पास अपना एक व्यक्ति सैंपल लेकर भेजते थे। इसके बाद डील करके कारोबारी से एडवांस रकम अपने खाते में जमा करा लेते थे।

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