Ghaziabad News: मुरादनगर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब खाना खाते ही एक के बाद एक छात्राएं बीमार होने लगी। कुछ ही देर में यहां अध्ययनरत सभी 59 छात्राओं को उल्टी व दस्त शुरू हो गई। पेट दर्द से तड़प रही कई छात्राएं रोने लगीं। चक्कर, दर्द और उल्टी-दस्त से पीड़ित कई छात्राएं बेहोश भी हो गईं। यह पूरी घटना बुधवार रात की है। स्कूल वार्डन रजनी शर्मा ने तुरंत सभी छात्राओं को सीएचसी मुरादनगर में भर्ती कराया। यहां पर मेडिकल संसाधनों की कमी के कारण 15 छात्राओं को संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि खाना ठीक से नहीं पका था। कच्चा खाना खाने की वजह से छात्राओं की सेहत अचानक बिगड़ी। सीएमएस डॉ विनोद चंद पांडेय ने बताया कि छात्राओं की हालत खतरे से बाहर है। उनका कहना है कि फूड प्वाॅइजनिंग से उल्टी-दस्त और पेट में दर्द हुआ है। पर्याप्त दवाएं देते हुए इलाज शुरू कर दिया गया है।
खाना खाने से बीमार होने वाली अधिकांश छात्राओं की उम्र 9 से 13 साल के बीच है। ये सभी स्कूल के अंदर ही रहकर कक्षा छह, सात और आठ जैसी क्लासों में पढ़ती हैं। ये सभी आसापास के गांव की रहने वाली हैं। अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। जो सबसे पहले खाद्य सामग्री खरीदने और किचन में बनाने वाले स्टाफ के खिलाफ जांच करेगी। इसके अलावा वार्डन व टीचर्स की भूमिका की भी जांच होगी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद देर रात डीएम राकेश कुमार सिंह भी छात्राओं से मिलने संयुक्त अस्पताल पहुंचे। उन्होंने एक-एक छात्रा से मिलकर उनकी तबीयत के बारे में पूछा। इस दौरान छात्राओं ने बताया कि डिनर में उन्हें उड़द की दाल खाने को दी गई थी। जिसे खाने के कुछ देर बाद ही उन सभी के पेट में दर्द शुरू हो गया। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि छात्राओं का बेहतर तरीके से इलाज किया जाए।