Ghaziabad News: गाजियाबाद वासियों के लिए गजब की खबर, कविनगर में अब मिलेगा 24 घंटे पानी, ये है योजना

Ghaziabad News: गाजियाबाद के कविनगर में रहने वाले लोगों को 24 घंटे पानी उपलब्ध होगा। कविनगर में केंद्र सरकार की तरफ से चल रही अमृत 2.0 योजना के तहत स्काडा सिस्टम शुरू कर लोगों के घरों में पानी के नए कनेक्शन मीटर लगाए जाएंगे।

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गाजियाबाद में लगेंगे पानी के मीटर  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कविनगर में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर
  • लोगों को सुचारू रूप से 24 घंटे पीने का पानी मिलेगा
  • लोगों को सुचारू रूप से 24 घंटे पीने का पानी मिलेगा

Ghaziabad News: गाजियाबाद के कविनगर में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब यहां के लोगों के पीने के पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही अब लोगों को 24 घंटे पानी उपलब्ध होगा। दरअसल कविनगर कॉलोनी में पानी के नए कनेक्शन शुरू कर स्काडा (सुपरविजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन) सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इसके बाद इलाके को लोगों को सुचारू रूप से 24 घंटे पीने का पानी मिलेगा। हालांकि इस सुविधा को हासिल करने के लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी होगी। 

कविनगर में केंद्र सरकार की तरफ से चल रही अमृत 2.0 योजना के तहत स्काडा सिस्टम शुरू कर लोगों के घरों में पानी के नए कनेक्शन मीटर लगाए जाएंगे। लोग जिस हिसाब से पानी का इस्तेमाल करेंगे, एक निश्चित शुल्क के मुताबिक पैसे चुकाने होंगे। 

बिना मोटर चलाए पानी मिलेगा

हालांकि पानी की दरें किस हिसाब से तय की जाएगी, इसको लेकर अभी कोई निश्चित योजना तैयार नहीं की गई है, लेकिन इस प्रोजेक्ट के जरिए पानी की आपूर्ति सीधे नलकूपों से नहीं बल्कि ओवरहेड टैंक से की जाएगी ताकि घरों की ऊपरी मंजिल पर रहने वालों को भी बिना मोटर चलाए पानी दिया जा सके। पानी के मीटर लगाने की परियोजना के लिए सरकार ने कविनगर के वार्ड संख्या-19 चुना है। यहां जल निगम 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा और जरूरी संसाधनों पर रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है।  

पाइप लाइन की निगरानी स्काडा सिस्टम के तहत

वहीं गौरतलब है कि, जब लोगों के घर में पानी के मीटर लगा दिए जाएंगे तो इसकी पाइप लाइन की निगरानी स्काडा सिस्टम के तहत की जाएगी। नलकूपों के चलने और बंद करने सहित लाइनों में किसी भी तरह का वाल्व खोलने तक का सभी काम कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के जरिए किया जाएगा। इस योजना से संबंधित अधिकारी कंट्रोल रूम या फिर अपने दफ्तर में बैठकर इस पर अपनी निगरानी कर सकेंगे। अगर किसी भी गली में कोई पाइपलाइन लीकेज की समस्या होती है तो कंप्यूटर सिस्टम के जरिए उसका पता लगाया जा सकेगा और तुरंत कर्मचारी भेज इस प्वाइंट को रिपेयर कर सकेंगे।

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