Power Supply Shock: बढ़ती गर्मी के साथ गाजियाबाद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की मांग भी बढ़ने लगी है। बिजली निगम द्वारा जिले के शहरी क्षेत्र में तो बिना रूकावट बिजली आपूर्ति के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हें, लेकिन ग्रामीण इलाकों में ओवरलोड से होने वाले फाल्ट, ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ने से आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्या से लोगों को मुक्ति नहीं मिल पा रही है। बिजली की मांग बढ़ने के साथ बिजली निगम द्वारा किए गए सभी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
शहरों में किए गए कई इंतजाम
बिजली निगम ने शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को बाधित होने से बचाने के लिए पहले से ही कई इंतजाम कर रखें हैं। यहां के तारों का मेंटिनेंस करने के साथ आटो क्लोजर सिस्टम, रिग मैन यूनिट (आरएमयू) और एबीसी डाली गई है। जिससे शहर में कहीं किसी कालोनी में बिजली फाल्ट होने पर उसी फीडर की आटो रिक्लोजर से बिजली गुल होगी। साथ ही बिजली निगम के कर्मचारियों को भी फाल्ट तलाशने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इस फाल्ट को निगम जल्द से जल्द सुधार कर आपूर्ति सुचारू कर सकेगा। इस मेंटिनेंस में निगम ने करीब 175 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। निगम द्वारा किए गए इस पूर्व तैयारी के कारण शहरी क्षेत्र में अभी तक कोई बड़ा फाल्ट नहीं आया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति दयनीय
जिले के शहरी क्षेत्र के लोगों को जहां अभी तक अच्छी बिजली सप्लाई मिल रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई का बुरा हाल है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली डिमांड बढ़ने के कारण ट्रांसफार्मर ओवरलोड चल रहे हैं। जिससे लोगों को बिजली गुल होने या लो होने और ट्रांसफार्मर फुंकने जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एक बार फाल्ट आने के बाद उसका मरम्त कार्य भी कई घंटो बाद किया जा रहा है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा मेंटिनेंस कार्य
बिजली निगम के ग्रामीण सुपरिटेंडेंट इंजीनियर वीके आर्य ने बताया कि, इस समय शहरी क्षेत्र में जहां 24 घंटे बिजली सप्लाई हो रही, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 20 घंटे। ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्रों, ट्रांसफार्मर और लाइन को चेक किया जा रहा है। लाइन के पास पेड़ों की टहनियों को हटाया जा रहा है। जहां ओवरलोड की समस्या हो सकती है वहां लोड शिफ्ट किया जाएगा।