Ghaziabad Judgement: खुन्नस में कारोबारी के तीन पीढ़ी को किया खत्‍म, सिगरेट के एक टुकड़े से हत्‍या का दोषी करार

Ghaziabad Judgement: गाजियाबाद में 21 मई 2013 की रात को कारोबारी सतीश चंद समेत परिवार के सभी सात लोगों की हत्‍या करने वाले ड्राइवर को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस हत्‍यारे ने नौकरी से निकाले जाने की खुन्‍नस में आकर सभी की हत्‍या की थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 निर्मल चंद्र सेमवाल की अदालत सोमवार को इस मामले में सजा सुनाएगी।

Ghaziabad Judgement
सात लोगों की हत्‍या करने वाला कोर्ट में दोषी करार   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • सात लोगों के हत्‍यारे ड्राइवर को कोर्ट ने हत्‍या व लूट का दोषी माना
  • इस हत्‍यारे ने सोते समय एक-एक कर सात लोगों का रेत दिया था गला
  • नौ साल तक चला इस केस का ट्रायल, अब सोमवार को सुनाई जाएगी सजा

Ghaziabad Judgement: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 निर्मल चंद्र सेमवाल की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। नौकरी से निकाले जाने की खुन्नस में नौ साल पहले खल चूरी व प्रॉपर्टी कारोबारी के घर में तीन पीढ़ी का खात्मा करने वाले हत्यारे राहुल वर्मा को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी राहुल को सात लोगों की हत्‍या और लूट का दोषी माना है। अब इस मामले में एक अगस्‍त यानी कल सजा सुनाई जाएगी।  

बता दें कि दोषी राहुल घंटाघर कोतवाली क्षेत्र में स्थित कारोबारी सतीश चंद गोयल के यहां पर ड्राइवर की नौकरी करता था। किसी कारणवश कारोबारी ने उसे नौकरी से हटा दिया था। जिसके बाद से ही वह खुन्‍नस लेकर बैठा था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा ने बताया कि 21 मई 2013 की रात दोषी राहुल वर्मा छत के रास्ते कारोबारी के घर में घुसा और लूटपाट की। इसके बाद सोते हुए एक-एक करके सभी की धारदार चाकू से गला रेत कर हत्‍या कर दी थी। मृतकों में कारोबारी सतीश चंद गोयल, पत्नी मंजू गोयल, बेटा सचिन गोयल, पुत्रवधू रेखा, पोता अमन, हनी व पोती मेघा शामिल थे। इस हत्‍याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।

आरोपी को दोषी करार दिलाने में सिगरेट के टुकड़े ने निभाई अहम भूमिका

नौ साल चली लंबी सुनवाई में इस हत्‍यारे को दोषी करार देने में सिगरेट के एक टुकड़े ने अहम भूमिका निभाई। इस हत्‍यारे ने वारदात को अंजाम देने के बाद घर की छत पर सिगरेट पी थी और सिगरेट के बचे हुए टुकड़े को वहीं पर फेंक कर फरार हो गया था। पुलिस ने सिगरेट के टुकड़े को बरामद कर हत्यारे की लार व सिगरेट के टुकड़े को जांच के लिए लैब भेजा था। जांच में हत्यारे की लार व सिगरेट पर लगी लार का मिलान हो गया। इस तथ्य ने राहुल वर्मा को दोषी करार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा कारोबारी के घर की दीवार पर हत्यारे के हाथ के पंजे के निशान मिलने की भी पुष्टि हुई थी। इसके अलावा गमछे व शर्ट पर लगे खून के धब्बे से मृतक मंजू गोयल व उनके बेटे सचिन गोयल के खून का मिलान हुआ था।

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