Rapid Rail News: दिल्ली-मेरठ से शुरू होने वाली रैपिड रेल का काम जोर-शोर से चल रहा है। 82 किमी लंबे इस कॉरिडोर का मुख्य प्रशासनिक भवन दुहाई डिपो पर होगा। इस मुख्य प्रशासनिक भवन के अंदर आधुनिक तकनीक के जरिए रोशनी पहुंचाई जाएगी। जी हां, प्रशासनिक भवन में एक ग्लास ट्यूब के जरिए सूर्य का प्रकाश पहुंचाया जाएगा। इस तकनीक से साधारण बिजली की बचत होगी।
दिन में सूर्य की रोशनी रहने तक प्रशासनिक भवन में मुख्य वर्किंग डेस्क, कॉरिडोर, कॉमन एरिया और सुलभ सुविधाओं वाली जगहों पर रोशनी मौजूद रहेगी। सौर ऊर्जा की इस नई तकनीक को सोला ट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम कहा जाता है।
इस सिस्टम के तहत प्रशासनिक भवन की छत पर बड़े सौर ऊर्जा पैनल की जगह पर सूर्य की रोशनी प्राप्त करने वाली छोटे गुंबद के आकार वाली डिवाइस लगाई जाएगी। यह डिवाइस पूरी तरह से पारदर्शी और अल्ट्रावायलेट रोशनी को आने से रोकती है। सोला ट्यूब डे-लाइटिंग सिस्टम को लगाने का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। ताकि किसी तरह की कोई कमी की गुंजाइश न रहे।
इसके पहले चरण में मुख्य प्रशासनिक भवन की तीसरी मंजिल पर 30 सोला ट्यूब डे-लाइट लगाने तैयारी की जाएगी। ऐसे में सूर्य का प्रकाश जब तक रहेगा, तब तक भवन की सभी लाइट सिस्टम के जरिए से जलेंगी। सोला ट्यूब डे-लाइट सिस्टम हरित ऊर्जा के साथ-साथ एनसीआरटीसी को बिजली बचाने में भी सहायता करेगा। इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह सूर्य की रोशनी को ग्लास ट्यूब की मदद से पूरे भवन में फैलाने का काम करेगा।
यह सिस्टम सूरज की रोशनी को एक ट्यूब के जरिए रोशनी को वहां भेजता है, जहां उसकी जरूरत होती है। वहीं गौरतलब है कि रैपिड रेल कॉरिडोर में हरित ऊर्जा के उपकरण के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने खास योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत सभी स्टेशनों और डिपो की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे। जिससे सभी स्टेशनों को बिजली मिलेगी।