Ghaziabad News: गाजियाबाद स्कूल बस हादसा: जांच पूरी करने के लिए 45 दिन का समय सीमा तय, परिजनों का धरना

Ghaziabad News: मोदीनगर के स्‍कूल बस हादसे में जिला प्रशासन ने पुलिस जांच की समय सीमा तय कर दी है। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को 45 दिन में अपनी जांच पूरी कर उच्‍च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपनी होगी। डीएम ने छात्र के परिजनों को आश्‍वासन दिया है कि, इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।

School bus accident
गाजियाबाद स्‍कूल बस हादसे की समयसीमा तय (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • मोदीनगर स्‍कूल बस हादसे में डीएम ने तय की जांच की समय सीमा
  • जांच अधिकारियों को 45 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी अपनी जांच
  • पुलिस पर जांच के नाम पर लगा लीपापोती का आरोप

Ghaziabad News: मोदीनगर में स्कूल बस हादसे में छात्र की मौत मामले में गाजियाबाद डीएम ने जांच की समय सीमा तय कर दी है। जांच अधिकारियों को अब 45 दिनों के अंदर अपनी जांच पूरी कर पूरी रिपोर्ट उच्‍च अधिकारियों को सौंपनी होगी। यह फैसला छात्र के परिजनों और जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, कार्यवाहक एसएसपी मुनिराज जी. के साथ बैठक में लिया गया। अधिकारियों के सामने परिजनों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि, मोदीनगर पुलिस नामजद आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

बता दें कि, इस हादसे में जान गंवाने वाले छात्र अनुराग के परिजन इंसाफ की मांग को लेकर जिला कलेक्‍ट्रेट पहुंचे थे। वे इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों को जेल भिजवाना चाहते हैं। परिजनों के अनुसार, पुलिस जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। परिजनों की बात सुनने के बाद जिलाधिकारी ने पीडितों को 45 दिन के अंदर जांच पूरी करने और दोषी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

सुरक्षा मानकों की जांच के लिए कमेटी गठित

बता दें कि, इस हादसे के बाद, जिला प्रशासन भी एक्‍शन मोड में आ चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि, जिले के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास, एसपी देहात डा. ईरज राजा सहित अन्य विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त कमेटी बनाई गई है। जो स्‍कूल बसों के साथ स्‍कूल भवन में भी सुरक्षा की जांच करेगी। जिससे दोबारा इस तरह की घटना न हो।

डीएम कार्यालय के बाहर परिजनों का धरना

पुलिस जांच में लीपापोती का आरोप लगाकर छात्र के परिजनों ने गाजियाबाद पैरेंटस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। इस दौरान जब तक जिलाधिकारी और एसएसपी की छात्र के परिजनों से वार्ता होती रही, तब तक एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित अन्य लोगों धरने पर बैठे रहे। उनको धरने से हटाने का प्रयास प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने किया लेकिन वे नहीं माने। अंत में छात्र के स्वजन ने जब जिलाधिकारी से मिले आश्वासन के बारे में बताया तो धरना समाप्त हुआ।

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