Electric Vehicle Policy: सीएक्यूएम ने निर्धारित किया लक्ष्य, 2024 तक गुरुग्राम और फरीदाबाद में चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन

Electric Vehicle Policy: गुरुग्राम और फरीदाबाद में 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना है। सीएक्यूएम ने निर्देश दिए हैं कि हरियाणा सरकार साल 2024 तक गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक करे। 

Electric Vehicle Policy
2024 तक गुरुग्राम और फरीदाबाद में इलेक्ट्रिक वाहन  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • साल 2030 तक दिल्ली-एनसीआर में चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन
  • 14 शहरों में वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन होंगे इलेक्ट्रिक
  • गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक करने की शुरुआत

Electric Vehicle Policy: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नई सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) लगातार काम कर रहा है। इसकी नई नीति के तहत साल 2030 तक दिल्ली-एनसीआर के 14 शहरों में वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन बेड़े को 100 प्रतिशत बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है। वहीं गुरुग्राम और फरीदाबाद में 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना है। सीएक्यूएम ने निर्देश दिए हैं कि हरियाणा सरकार साल 2024 तक गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक करे। 

जबकि 2030 तक एनसीआर में जीवाश्म ईंधन से चलने वाले सभी वाहन जैसे सर्विस कैब, निजी भारी वाहनों और सरकारी वाहनों को खत्म किया जाएगा। इसके लिए सीएक्यूएम ने बुधवार को हरियाणा सरकार को पहल करने के लिए सेक्टर-वाइज एक्शन प्लान जारी किए हैं। 

सीएक्यूएम का ये है खास प्लान 

सीएक्यूएम का यह प्लान शॉर्ट (एक साल तक), मध्यम (एक तीन साल) और लॉन्ग-टर्म (तीन/पांच साल) के लिए है। हालांकि, इस नीति में राज्य के लिए पूरे विद्युतीकरण को लेकर अभी कोई लक्ष्य तय नहीं हुआ है। हरियाणा डिस्कॉम को बिजली की अन्य वितरण प्रणालियों को भी मजबूत करने के लिए कहा गया है, जिसके तहत बिजली कंपनियों को शत-प्रतिशत विश्वसनीय बिजली उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी, खासकर सर्दियों के वक्त। नीति में यह भी बताया गया है कि निर्देशों का पालन न करने पर सीएक्यूएम के अधिनियम, 2021 में प्रावधानों के उल्लंघन के रूप में माना जाएगा। जिसके बाद कानूनों के तहत संबंधित बिजली वितरण कंपनियों या अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क अलग से लगाया जाएगा।

बॉयलर को लेकर भी सीएक्यूएम के दिशा-निर्देश

इसके अलावा सीएक्यूएम की नीति में बॉयलर को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुसार हरियाणा सरकार पानीपत में एक सामान्य बॉयलर सिस्टम स्थापित करेगी। सीएक्यूएम का मानना है कि निजी छोटे बॉयलरों से सामान्य बॉयलरों में स्विच करने के कई फायदे हैं। वहीं निजी औद्योगिक इकाइयां छोटे बॉयलरों को स्थापित करने की लागत और ईंधन लागत से बच सकती हैं। इसके अलावा वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की लागत, संचालन और रखरखाव के खर्चे से भी बची रहेंगी। बॉयलरों के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने के लिए के लिए काफी लागत आती है। जबकि सामान्य बॉयलरों के निर्माता, इंस्टॉलर और ऑपरेटर इन लागतों और जिम्मेदारियों का वहन करेंगे।

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