Highway Greenery : गुरुग्राम-रेवाड़ी हाईवे पर नहीं होगी हरियाली की कमी, वन विभाग लगाएगा डेढ़ लाख पौधे

Highway Greenery : इस निर्माणाधीन गुरुग्राम-रेवाड़ी हाईवे के बीच में आ रहे 14000 पेड़ हटाए जाने हैं, इनके बदले हाईवे के दोनों तरफ करीब डेढ़ लाख पौधे लगाए जाएंगे। इस मानसून सत्र से पौधे लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

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अब गुरुग्राम-रेवाड़ी हाईवे पर हरियाली की कमी नहीं होगी (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • 43.2 किलोमीटर लंबे हाईवे के दोनों तरफ लगेंगे पौधे
  • इस मानसून सत्र से शुरू होगा पौधों की रोपाई
  • पांच से छह फुट के होंगे सभी पौधे

Highway Greenery : गर्मी के समय गुरुग्राम-रेवाड़ी हाईवे पर सफर करते समय यात्री छांव में सुस्‍ता सकते हैं। इस न्‍यू हाईवे पर गर्मी से बचाव करने और हरियाली लाने के लिए डेढ़ लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इस हाइ्रवे पर पैोधे लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने प्रोजेक्‍ट पास कर दिया है, साथ में एनएचएआई की तरफ से वन विभाग को अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया है।

मानसून आते ही हाईवे के दोनों तरफ पौधों की रोपाई शुरू हो जाएगी। वन विभाग के रेंज अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, हाईवे पर पांच से छह फुीट की ऊंचाई के पौधे लगाए जाएंगे, ताकि उन्हें बढ़ने में कम समय लगे। पौधों का चयन जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता के हिसाब से किया जाएगा।

हाईवे निर्माण के समय काटे गए थे 14000 पेड़

इस 43.2 किलोमीटर लंबे हाईवे का प्रोजेक्‍ट तैयार करते समय एनएचएआई ने 14000 ऐसे पेड़ों को चिन्हित किया था, जो इस हाईवे के बीच में पड़ रहे थे ओर उन्‍हें काटना जरूरी थी। इन पेड़ों को काटने की अनुमति लेने के लिए पूरी लिस्‍ट बनाकर एनएचएआई ने वन विभाग के पास भेजा था। वन विभाग ने एनएचएआई को पेड़ काटने की एवज में क्षतिपूर्ति राशि जमा कराने को कहा था, राशि भुगतान की प्रक्रिया के बाद एनएचएआई ने पेड़ों की कटाई शुरू कर दी है। अब तक करीब तीन हजार पेड़ काटे भी जा चुके हैं। इस हाईवे का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा करने की समय सीमा तय है। यह हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक (पटौदी रोड पर) और उसके बाद वजीरपुर गांव तक छह लेन में बनेगा। इसकी चौड़ाई 60 मीटर रहेगी।

जान लें, पेड़ काटने का पूरा नियम

किसी सरकारी परियोजना में अगर पेड़ काटने की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए सबसे पहले संबंधित एजेंसी को वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। अनुमति के दौरान वन विभाग एजेंसी से क्षतिपूर्ति राशि वसूलता है। यह राशि पेड़ों की किस्म और उनकी बढ़ोतरी के लिहाज से अलग-अलग होती है। चिन्हित पेड़ों को काटने की अनुमति देने के बदले वन विभाग को उस जगह के आस-पास 10 गुणा अधिक पौधे लगाने पड़ते हैं। इस लिहाज से इस हाईवे पर करीब डेढ़ लाख पौधे लगाए जाएंगे।

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