Gurugram News: नूंह जिले के मदरसे में हुई 11 साल के समीर की हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह हत्या मदरसे में ही पढ़ने वाले 13 साल के एक नाबालिग ने की थी। आरोपी नाबालिग पढ़ाई से छुटकारा चाहता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी नाबालिग को लगता था कि अगर यहां कोई अपराध हो जाए तो बदनामी के कारण यह संस्थान बंद हो जाएगा। इसलिए उसने मदरसे के एक कमरे में अपने दोस्त समीर के सिर पर पत्थर मार-मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ कर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
बता दें कि बीती 3 सितंबर को 11 वर्षीय समीर के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दी थी कि समीर मदरसे से शाम को वापस घर नहीं लौटा। इसके बाद 5 सितंबर को समीर का क्षत-विक्षत शव मदरसे के अंदर पाया गया। घटना की सूचना लगते ही पहुंची पुलिस ने मदरसे के दो शिक्षकों और एक रसोइए को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन इसके बाद भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई। तभी से पुलिस हत्यारोपी की तलाश कर रही थी।
पुलिस ने बताया कि इस हत्या के बाद से आरोपी नाबालिग परेशान रहता था। इसलिए उसने 8 सितंबर को अपने पिता को सारी बात बता दी। जिसके बाद पिता ने यह बात गांव के ही एक बुजुर्ग को बताई और फिर बुजुर्ग ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने घर पहुंचकर जब आरोपी नाबालिग से पूछताछ की तो वह अपनी बात से मुकर गया। इसके बाद से पुलिस लगातार आरोपी से पूछताछ करते रहे, लेकिन नाबालिग डर के कारण अपना बयान लगातार बदलता रहा। हालांकि सोमवार को नाबालिग ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मदरसे में भाषा की कक्षाओं में भाग लेने के लिए कतई राजी नहीं था। वहीं उसके माता-पिता उसे इन भाषाओं को पढ़ने के लिए दबाव बना रहे थे, इसलिए उसने यह रास्ता चुना।