Anemia: भारत की 10 में से 6 लड़कियां एनीमिया से पीड़ित, स्टडी में हुआ खुलासा
Anemia: अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 70 प्रतिशत प्रतिभागी ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। साथ ही कम से कम दो बच्चों की माता किशोरियों में संतानहीन किशोरियों की तुलना में रक्त अल्पता यानी एनीमिया ज्यादा है।
Anemia: भारत की 10 में से 6 किशोरियां एनीमिया से पीड़ित।
Anemia: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले एक नए भारतीय अध्ययन (New Indian Research) में कहा गया है कि देश की 10 में से करीब छह किशोरियां रक्त अल्पता (एनीमिया) (Anemia) से पीड़ित हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अन्य संस्थानों ने अपने अध्ययन में पाया कि भारत में 15 से 19 साल तक की किशोरियों में पोषण की खराब स्थिति, धन और शिक्षा जैसे अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों सहित किशोरावस्था में विवाह और मातृत्व भारतीय महिलाओं में एनीमिया का महत्वपूर्ण कारक हैं।
पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय राज्यों में रक्त अल्पता की व्यापकता 60 प्रतिशत से अधिक है और यह 2015-16 के पांच से बढ़कर 2019-21 में 11 हो गई। एनीमिया एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जो विशेष रूप से भारत में महिलाओं को प्रभावित करती है। रक्त अल्पता व्यक्ति में लाल रक्त कणों की कमी से जुड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप कमजोरी और थकान महसूस होती है।
18 साल से कम उम्र में विवाह करने वाली किशोरियों में ज्यादा है एनीमियाराष्ट्रीय सर्वेक्षण, एनएफएचएस-4 (2015-16) और एनएफएचएस-5 (2019-21) के चौथे और पांचवें दौर के आंकड़ों का उपयोग करते हुए शोध में रुझानों का विश्लेषण करने के लिए क्रमशः 1,16,117 और 1,09,400 किशोरियों का अध्ययन किया। रक्त अल्पता 18 साल से कम आयु में विवाह करने वाली किशोरियों में ज्यादा व्यापक है। एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 में चयनित महिलाओं में से क्रमशः लगभग 10 और आठ प्रतिशत इसी आयुवर्ग से थीं।
अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 70 प्रतिशत प्रतिभागी ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कम से कम दो बच्चों की माता किशोरियों में संतानहीन किशोरियों की तुलना में रक्त अल्पता ज्यादा है। उन्होंने यह भी पाया कि स्तनपान कराने वाली माताओं में रक्त अल्पता ज्यादा व्यापक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की किशोरियों में देश के अन्य हिस्सों की महिलाओं की तुलना में रक्त अल्पता का खतरा कम है। उनका कहना है कि संभवतः ऐसा विविधतापूर्ण और पौष्टिक आहार के कारण है, जिसमें ‘आयरन’ से भरपूर लाल चावल शामिल है। शोध के अनुसार, इन राज्यों में पारंपरिक रूप से लाल चावल खाया जाता है और उनकी संस्कृति में स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले और मौसमी खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, लाल मांस की अधिक खपत सहित उपरोक्त कारक इन क्षेत्रों में रक्त अल्पता को कम करने में योगदान दे रहे हैं। शोध के मुताबिक, कुल मिलाकर, देश के सभी 28 राज्यों में से 21 राज्यों में अलग-अलग स्तर तक रक्त अल्पता के प्रसार में वृद्धि दर्ज की गई। शोध के अनुसार, असम, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और मध्य प्रदेश राज्यों में पांच प्रतिशत अंकों से कम की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
हेल्थ की फ़िक्र हर किसी को होती है। दुनियाभर में कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में हम सभी नहीं जानत...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited