कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों को दुनिया सराह रही है। इस समय देश में कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिवाली के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी। इन सबके बीच एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने खास सलाह दी है जब दिल्ली और एनसीआर की हवा दमघोंटू हो चली है।
मास्क का इस्तेमाल जरूरी
एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायु की गुणवत्ता खराब होने का सबसे अधिक असर लंग्स के मरीजों पर पड़ता है। इसके साथ ही ऐसे लोग जो कोविड पीड़ित रहे हैं उन्हें खास मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।ऐसे में अस्थमा और कोविड से उबरे लोगों को मास्क का इस्तेमाल बिना किसी लापरवाही के करना चाहिए।
कोविड काल में भारत के खाते में कई कामयाबी
डॉ रणदीप गुलेरिया, एम्स निदेशक ने कहा कि कोवैक्सिन ईयूएल, डब्ल्यूएचओ द्वारायह हमारे देश के लिए गर्व का क्षण है। हमें मेड इन इंडिया वैक्सीन के लिए मंजूरी मिल गई है। पहले भारत एक वैक्सीन निर्माण केंद्र था, लेकिन पिछले 18 महीनों में, हमने दिखाया है कि हम बहुत उच्च गुणवत्ता वाले शोध भी कर सकते हैं।