नई दिल्ली : एम्स के डॉक्टर आपको यह बता सकेंगे कि भविष्य में आपको कौन सी बीमारियां होंगी। ऐसा आपके जींस की स्टडी करने के बाद संभव हो सकेगा। एम्स इस बारे में 15,000 लोगों पर एक बड़ी स्टडी कर रहा है।
ऐसे पता लगेगी फ्यूचर की बीमारी
इस स्टडी के तहत 15 हजार लोगों के ब्लड सैंपल लेकर उनके जींस की स्टडी की जाएगी। इसके बाद उनकी पिछली बीमारियों को ध्यान में रखकर जींस में आ रहे बदलाव को नोट किया जाएगा। हर एक सैंपल की लाइफस्टाइल के मुताबिक हर केस की एक स्टोरी बनेगी।इन सैंपल के आधार और लक्षणों के मिलने पर किसी के भी हेल्थ का भविष्य बताया जा सकेगा।
कौन सी दवा खाने से ज्यादा फायदा
- इस स्टडी का मकसद वह फॉर्म्युला खोजना है, जिससे किसी को भविष्य (10 या 20 साल बाद) में होने वाली बीमारियां बताई जा सकें। सिर्फ यही नहीं, यह सिस्टम भी विकसित किया जाएगा कि कौन सी दवा खाने से आपको ज्यादा फायदा होगा।
- एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर देश में पहली बार यह स्टडी की जा रही है।
- आने वाले कुछ सालों में नतीजा सबके सामने होगा। जिन 15,000 हजार लोगों पर यह स्टडी की जाएगी, उनमें शहरी और ग्रामीण इलाकों के बराबर-बराबर निवासी हैं। अभी तक पांच हजार लोगों के ब्लड सैंपल लिए जा चुके हैं।
नीदरलैंड के साथ मिलकर होगा काम
- डॉक्टर प्रसाद ने कहा, ‘इस स्टडी को नया नारा दिया है- नया भारत और निरोग भारत। इसपर नीदरलैंड के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
- इसकी फंडिंग डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी ने की है।’ इस बारे में कई देशों में स्टडी हो रही है। अमेरिका में दस लाख लोगों पर, यूके में पांच लाख, जर्मनी में दो लाख लोगों पर।
- अमेरिका में तीन पीढ़ियों के लोग एक साथ स्टडी में शामिल हो रहे हैं। वहां यह स्टडी साल 1948 से चल रही है। फिलहाल तीसरी पीढ़ी के सैंपल लिए जा रहे हैं।