कैंसर और डायबिटीज के जोखिम को कम कर देता है त्रिफला, ये लोग भूलकर भी न करें सेवन

हेल्थ
Updated Sep 14, 2019 | 10:08 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

त्रिफला तीन आयुर्वेदिक फलों का मिश्रण होता है। ये तीनों शरीर के विषैले तत्वों को बाहर कर शरीर को डिटॉक्स करने में कारगर है। इतना ही नहीं ये कैंसर और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों के जोखिमों को भी कम करता है।

Triphla
Triphla  
मुख्य बातें
  • शरीर के विषैले तत्वों को त्रिफला बाहर करता है
  • ब्लड शुद्ध करके,सर्कुलेशन बेहतर बनाता है
  • हृदय रोग, अस्थमा, अल्सर में भी कारगर है

नई दिल्ली. अमलकी यानी आंवला, बिभीतकी और हरितकी को मिला कर 'त्रिफला' बनता है। ये बेहद ही शक्तिशाली मिश्रण है जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाने में ही नहीं कई बीमारियों के जोखिमों को जड़ से खत्म कर देता है। लेकिन इसे खाने का तरीका पता होना चाहिए। 

कुछ लोगों को त्रिफला का सेवन करने से बचना भी चाहिए, क्योंकि इससे समस्याए हो सकती हैं। त्रिफला में डिटॉक्स करने का बहुत बेहतर गुण होता है और यही कारण है कि ये शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर ब्लड को शुद्ध करता है। ये ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। 

कब्ज, डायबिटीज, कैंसर, संक्रमण, जुकाम या एलर्जी से बचाने में ये बहुत कारगर होता है। इसमें एस्कॉर्बिक एसिड, एमिनो एसिड और खनिजों का भंडार होता है।  इसमें बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण जैसी सामान्य बीमारियों को खत्म करने का गुण होता है। 

अस्थमा, ह्रदय रोग को करता है दूर

त्रिफला पॉलीजेनिक डिसऑर्डर और ग्लूकोज डिसग्युलेशन के इलाज में सहायक हैं। ये इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और उच्च रक्त शर्करा को कम में कारगर हैं। वहीं, हरिताकी हृदय रोग, अस्थमा को दूर करते है।

हरिताकी में टेरापेन, पॉलीफेनोल, एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड जैसे फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो कब्ज और पाचन को सुधारता है। इसके अलावा ये  अल्सर और पेट की बीमारियां के जोखिम कम करता है। 

त्रिफला के स्वास्थ्य भरे ये फायदे जानें

  1.  त्रिफला दांत से जुड़ी हर समस्या का हल होता है। मसूड़ों की सूजन हो या पायरिया की समस्या। ये प्लेक फॉर्मेशन को रोकने में मदद कर सकता है। 
  2. तनाव से लड़ने में मददगार होता है। क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ विटामिन सी,  फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, टैनिन और सैपोनिन जैसे शक्तिशाली तत्व होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। 
  3. एंटीऑक्सिडेंट में हाई होने के कारण ये हृदय रोग,  डायबिटीज और एजिंग इफेक्ट को बढ़ने से रोकता है।  
  4.  त्रिफला को गठिया से होने वाली सूजन और क्षति को कम करने में भी लाभदायक मना गया है। 
  5. त्रिफला कैंसर के जोखिम खत्म करता है। यह लिम्फोमा के विकास को बाधित करने के साथ-साथ पेट और लिवर के कैंसर को भी कम करने में सहायक है। साथ ही ये बृहदान्त्र और ग्रंथियों के कैंसर नेक्रोबायोसिस से भी बचाता है। त्रिफला के उच्च स्तर के शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट जैसे एसिड और पॉलीफेनोल भी इसके कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जिम्मेदार हैं।
  6.  त्रिफला में नेचुरल लेक्सेटिव होता है जो, पेट को साफ करता है और पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम देता है। गैस,अपच कब्ज में ये काफी फायदेमंद है।
  7.  ये आंतों की सूजन को कम करने और आंतों की क्षति की मरम्मत करने में भी सहायक है। 

अधिक सेवन से हो सकता है ये नुकसान
त्रिफला आमतौर पर सुरक्षित होता है लेकिन इसका ज्यादा प्रयोग दस्त और पेट की परेशानी का कारण भी बन जाता है। गर्भवती या टीनएज लड़कियों के लिए त्रिफला नहीं खाने की सलाह दी जाती है। 

गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का कारण तो टीनएज लड़कियों में हैवी ब्लीडिंग की वजह पैदा होती है। वहीं जिन्हें ब्लड क्लॉटिंग न होने की समस्या हो, उन्हें इसका सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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