अनुष्‍का शर्मा को हुई ये बीमारी, जानें क्‍या है 'बल्‍जिंग डिस्‍क' और इससे बचने के उपाय

हेल्थ
Updated Sep 06, 2018 | 12:52 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Anushka Sharma Suffering From Bulging Disc: बॉलीवुड एक्‍ट्रेस अनुष्‍का शर्मा इन दिनों बल्जिंग डिस्क (Bulging Disc) नामक एक बीमारी से परेशान हैं। जानें इस बीमारी के लक्षण, इलाज और बचने के उपायों के बारे में...

Anushka Sharma Suffering From Bulging Disc
Anushka Sharma Suffering From Bulging Disc  

नई दिल्‍ली: इन दिनों बॉलीवुड एक्‍ट्रेस अनुष्‍का शर्मा अपनी फिल्‍म से ज्‍यादा बल्जिंग डिस्क (Bulging Disc) नामक एक बीमारी की वजह से सुर्खियों में हैं। इस बीमारी की वजह से उन्‍हें भयानक कमर दर्द का सामना करन पड़ रहा है। इसकी वजह से उन्‍हें एक जगह पर लगातार बैठने में दिक्‍कत महसूस हो रही है।  

रिपोर्ट्स की मानें तो उन्‍हें यह बीमारी इंटेन्सिव फिजियोथेरेपी सेशन के कारण हुई। अनुष्‍का का ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्‍टर ने उन्‍हें 3-4 हफ्तों के लिए बेड रेस्‍ट करने की सलाह दी है। बल्‍जिंग डिस्‍क को हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) भी कहते हैं जो इन दिनों एक आम बीमारी बन चुकी है। अगर आपकी ऑफिस जॉब है या फिर आप लंबे समय तक लगातार बैठे रहते हैं तो आपको यह बीमारी हो सकती है। जानें इस बीमारी के लक्षण, इलाज और बचने के उपायों के बारे में... 

बल्जिंग डिस्क के लक्षण: 

हाथ या पैर में दर्द: यदि आपकी हर्नियेटेड डिस्क आपके लोअर बैक में है, तो इसका दर्द आपको आमतौर पर अपने नितंबों और जांघों में सबसे ज्‍यादा महसूस होगा। इसमें पैर का हिस्सा भी शामिल हो सकता है। यदि आपकी हर्नियेटेड डिस्क आपकी गर्दन में है, तो दर्द आमतौर पर कंधे और हाथ में सबसे अधिक तेज होगा। यह दर्द खांसने और छींकने पर बढ़ भी जाता है। 

हाथ पैर सुन्‍न हो जाना या झुनझुनाहट महसूस होना: जिन लोगों में बल्जिंग डिस्क की समस्‍या होती है उन्‍हें दर्द के साथ-साथ झुनझुनाहट का भी अनुभव होने लगता है। 

मासपेशियों में कमजोरी: बल्जिंग डिस्क के आस-पास की मासपेशियां दर्द के कारण कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से प्रभावित अंग को उठा पाना या झुका पाना बेहद मुश्‍किल होता है। प्रभावित नसें मांसपेशियों को कमजोर कर देती हैं। 

बल्जिंग डिस्क का इलाज: 

  1. न्‍यूरोलॉजिस्‍ट से परामर्श करें: इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए अच्‍छे डॉक्‍टर से परामर्श करें। नियमित दवाएं खाएं। रोग ज्‍यादा गंभीर होने पर इसकी सर्जरी भी होती है। 
  2. फिजियोथेरेपी: लक्षण को देखते हुए आपके डॉक्‍टर आपको फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह दे सकते हैं। इससे आपकी मांसपेशियों में लचीलापन आएगा तथा दर्द से आराम मिलेगा। 
  3. एक्‍सरसाइज और स्‍ट्रेचिंग: जरूरी है कि आप एक्‍टिव रहें और कुछ व्‍यायायम जैसे, वॉकिंग, स्‍विमिंग, योगा आदि करते रहें। 
  4. डाइट में बदलाव: अपने आहार में ऐसे फल और सब्‍जियों को शामिल करें जो शरीर की सूजन को कम करे। जंक फूड और तले भुने खाने से दूर रहें। 

कैसे करें बचाव: 

  • इस बीमारी से बचने का सबसे अच्‍छा तरीका है नियमित एक्‍सरसाइज। 
  • अपने बैठने का तरीका सही रखें। रीढ़ और डिस्क पर दबाव कम डालें। 
  • शरीर का वजन वजन नियंत्रित रखें। 


हर साल दुनियाभर में बल्जिंग डिस्क की बीमारी से लाखों लोग जूझते हैं। इस बीमारी से पीड़ित आयु वर्ग 30 से 50 वर्ष के बीच होती है। यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो मूत्राशय या आंत रोग हो सकता है। 

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