Diet Tips in Hindi: खानपान और जीवशैली में परिवर्तन के कारण आजकल हर दूसरा व्यक्ति 30 की उम्र में 70 साल की बीमारियों से पीड़ित है। यही वजह है कि मृत्यु दर में तेजी से इजाफा और जीवन दर में कमी आ रही है। जीवन के सबसे मूल्यवान और सक्रिय अवस्था से गुजर रहे युवा भी ऑस्टियोपोरोसिस जैसी भयावह बीमारी से पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक हार्ट डिजीज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस विश्व की दूसरी सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बीमारी है।
बता दें यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनियाभर में किए गए एक शोध के मुताबिक तीन में से एक महिला ऑस्टियोपोरोसिस जैसी भयावह बीमारी से पीड़ित हैं। इस दौरान कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां खोखली होनी शुरू हो जाती हैं। तथा जोड़ो में तेज दर्द होता है। हालांकि खानपान में सुधार कर आप इस भयावह बीमारी से निजात पा सकते हैं व इसके खतरे को कम किया जा सकता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको विटामिन व कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे, जो बढ़ती उम्र के साथ भी आपके हड्डियों के घनत्व को बढ़ा सकते हैं।
विटामिन k हड्डियों को बनाता है मजबूत
स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन, पोषक तत्व और खनिज का सेवन करना आवश्यक है। वहीं स्वस्थ जीवनशैली के लिए विटामिन K सबसे आवश्यक है। विटामिन K दिल संबंधी बीमारियों से निजात दिलाने के साथ इनके संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है। यह रक्त का थक्का बनाने में भी मददगार होता है। साथ ही यह हड्डियों को मजबूत बनाता है व जोड़ो में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों के संक्रमण से दूर रखता है। यह हड्डियों पर कैल्शियम के जमाव को नियंत्रित करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शरीर को रोजाना लगभग 90 माइक्रोग्राम विटामिन k की आवश्यकता होती है।
बता दें हरी पत्तेदार सब्जियों पालक, ब्रोकली, फूल गोभी, पत्ता गोभी में भरपूर मात्रा में विटामिन के (Vitamin K) पाया जाता है। ऐसे में अपनी डाइट में इन चीजों को अधिक शामिल करें। हालांकि ध्यान रहे अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से खून पतला हो जाता है इसलिए रोजाना 90 माइक्रोग्राम से अधिक इसका सेवन ना करें।
विटामिन डी
विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने में कारगार होता है। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है। हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक भारत में करीब 80 प्रतिशत और दुनियाभर में करीब 1 बिलियन लोग विटामिन डी की कमी से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाला तत्व कोलेस्ट्रोल में परिवर्तित हो जाता है। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण और रक्त में पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है।
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रतिदिन 400 आईयू विटामिन डी की आवश्यकता होती है। तथा एक वर्ष से अधिक के बच्चों व किशोरों के लिए 600 आईयू विटामिन डी पर्याप्त होती है। जबकि 70 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए 800 आईयू प्रतिदिन विटामिन डी की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन
प्रोटीन सेहत के लिए बेहद आवश्यक है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ मांसपेशियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। बता दें हमारे शरीर का 18 से 20 प्रतिशत भाj प्रोटीन के कारण ही होता है। यह ह्रदय व फेफड़े के ऊतकों को भी स्वस्थ रखता है। तथा ह्रदय संबंधी गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने व इनके संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर के पीएच लेवल को बनाए रखने व तनाव को कम कर डिप्रेशन की समस्या से कोसों दूर रखता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि प्रोटीन हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और इससे संबंधित बीमारियों से निजात दिलाने व इनके संक्रमण से दूर रखने में कारगार होता है।
पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन फ्रैक्चर की संभावना को कम करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जो लोग ज्यादा मेहनत का काम नहीं करते हैं उन्हें अपने वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्रतिदिन 0.8 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। वहीं एक पुरुष को एक दिन में कम से कम 55 ग्राम और महिला को 45 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम शरीर में 300 से अधिक प्रतिक्रियाओं को सक्रिय करने के लिए जिम्मेदार है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। एक शोध के मुताबिक जो लोग अपनी डाइट में अधिक मात्रा में मैग्नीशियम का सेवन करते हैं, उनके हड्डियों का घनत्व इसका सेवन ना करने वालों की तुलना में अधिक होता है। बता दें नट्स, फलियों, बीज और साबूत अनाज में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है।
विटामिन सी
कोरोना काल के बाद से लोग विटामिन सी और डी को लेकर अधिक सजग हो गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कोराना जैसी भयावह बीमारी से निजात दिलाने के साथ हड्डियों के विकास में भी सहायक होता है। यह जोड़ों में दर्द, घुटने में दर्द व हड्डियां से संबंधित विकारों से निजात दिलाने व इनके संक्रमण से दूर रखने में सहायक होता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पुरुषों को रोजाना 90 मिलीग्राम और महिलाओं को 75 मिलीग्राम विटामिन सी लेना चाहिए।
वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए रोजाना 85 मिलीग्राम विटामिन सी पर्याप्त होता है, जबकि ऑस्टियोपोरोसिस या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना 500 मिलीग्राम से 1000 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। बता दें नींबू, संतरा, टमाटर व अन्य साइट्रिक फलों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। ऐसे में रोजाना इन चीजों को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करें।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)