Alert! मौत का कारण बन सकता है हरा आलू, गलती से भी ना करें सेवन  

हेल्थ
Updated Oct 02, 2018 | 07:19 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

आलू का रंग अगर बदल जाए तो इसे खाने से बेहतर होगा फेंक देना क्योंकि भले ही स्वाद न बदले लेकिन ये आपकी सेहत के लिए दुश्मन साबित हो सकता है। किस तरह के आलू को नहीं खाना चाहिए और इससे क्या दिक्कत आ सकती है।

potatoes
potatoes 

नई दिल्‍ली: आलू ऐसी सब्जी है जो हर घर में यूज होती है लेकिन ऐसा आल बिलकुल न खांए जिसका स्वरूप और रंग दोनों ही बिगड़ चुका हो। आलू का स्वभाविक रंग हल्का मटमैला या भूरा होता है। यदि आलू का रंग भूरे से अलग हो कर हरा, बैगनी या काला होने लगता है उसमें न्यूरोटॉक्सिन बढ़ जाता है। 

इसे सोलनिन कहा जाता है। इसे खाने से उल्‍टी, डायरिया, सिरदर्द या फिर कैंसर तक हो सकता है। ध्‍यान रखें, अगर दुकानदार आपको इस प्रकार के आलू बेचने की कोशिश करें तो उसे तुरंत हटा दें। आइए आज इसे पहचानने के तरीके जानें...

जब आलू का रंग हरा हो जाए
आलू का रंग अगर हरा नजर आए तो समझ लें ये खराब हो गया है। हरा आलू कैंसर का कारण होता है। हरा आलू तब होता है जब वह मिट्टी से बाहर निकल जाता है और सूर्य की किरण उसपर सीधी पड़ती है, इससे आलू में सोलनिन लेवल बढ़ जाता है।

जब आलू सिकुड़ने लगे
कई बार आलू रखे-रखे सिकुड़ जाता है। ऐसा तभी होता है जब आलू काफी दिन तक रखा रह गया हो। ऐसा आलू खाने से बॉडी में टॉक्सिन फैल सकता है। ये आलू खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

जर्मिनेटड आलू भी सही नहीं
जर्मिनेटेड आलू का खाना भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जर्मिनेटेड आलू में सोलनिन और चासोनिन का बढ़ने से ये ग्लाइकोलोकॉल्ड्स नमाक जहर में बदल जाता है। यह नर्वस सिस्टम के लिए बहुत हानिकारक होता है। हो सकते हैं। अंकुरित आलू उगाने के लिए तो ठीक हैं लेकिन खाने के लिए नहीं।

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