वेट लॉस के लिए आपने तमाम तरीके अपनाएं होंगे। कभी आपने किटो डाइट फालो किया होगा तो कभी आंतरायिक उपवास किए होंगे। इतना ही नहीं आपने इसके लिए कई सप्लीमेंट्स ट्राई किए होंगे लेकिन बावजूद इसके आप इसपर लंबे समय तक टिक नहीं रह पाएं होंगे क्योंकि हर महीने आपकी ये प्रवृति बदल जाती होगी। यहां हम आपको कुछ ऐसी पुरानी तकनीक बताएंगे जो आयुर्वेद पर आधारित हैं और ये कामयाब भी हैं।
आयुर्वेद एक ऐसी प्राचीन भारतीय चिकित्सा विधि है जो आपके वेट लॉस के लिए बेस्ट साबित होगी। इस विधि में न केवल वजन बल्कि वजन बढ़ाने वाले कारणों पर भी काम किया जाता है और वजन कम करने के बाद इसे कायम रखने में भी आयुर्वेद ही मदद करता है। तो आइए जानें कि वो सात कौन से तरीके हैं जो वेट लॉस के लिए सशक्त रूप से काम आते हैं।
1. दिन में तीन बार भोजन करें
आयुर्वेद में दिन में तीन बार भोजन करने का नियम है। भोजन को आयुर्वेद में औषधि का स्थान दिया गया है इसलिए सही समय पर भोजन करना उतना ही जरूरी है जितना वेट लॉस के लिए एक्सरसाइज करना। तीन बार भोजन करने से आपका मेटाबालिक रेट बेहतर होता है और ये वेट कम करने के लिए बॉडी को बूस्ट करता है।
2. जंक फूड को बोलें ना
यह समझना महत्वपूर्ण है कि जब आप एक दिन में तीन बार भोजन कर रहे हैं तो आपको जंक फूड या प्रासेस्ड फूड को बिलकुल न करना होगा। क्योंकि आप अगर भोजन के बीच में इसे खाते हैं तो आपका शरीर जमा वसा के बजाय ईंधन के रूप में आपके द्वारा जंक फूड के रूप में खाई गई चीनी को जलाने लगेगा। इससे आपका फैट शरीर में जमता रहेगा। इसलिए अपने आहार में जंक फूड्स को शामिल न होने दें।
3. खाने में सभी 6 स्वाद शामिल करें
आयुर्वेद के अनुसार, खाने में सभी छह प्रकार के अलग-अलग स्वाद शामिल करने चाहिए। ये आपको खाने के प्रति संतुष्ट करने के साथ आपकी क्रैविंग को भी शांत करता है। इसलिए अपने खाने में आप हमेशा खट्टा, मीठा, कड़वा, नमकीन, कसैला और तीखा स्वाद शामिल करें। जानिए इनको शामिल करने के फायदे भी।
मीठा: यदि आप इसे संतुलित मात्रा में संयम के साथ लें तो ये आपके शरीर को ताकत और मांसपेशियों के निर्माण के लिए बेहतर होगा। अनाज,, चावल, डेयरी आदि में आपको ये नेचुरल मिठास मिल सकती है।
खट्टा: यह शरीर को शुद्ध करने और भूख को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है। खट्टे फल, नींबू, सिरका, अचार, और इमली (इमली) सभी खट्टे खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।
कड़वा: कड़वा भोजन शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। साथ ही ये शारीरिक अपशिष्ट को हटाने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियों में आपको कड़वा स्वाद आसानी से मिलेगा।
नमकीन: यह पाचन में सुधार और खनिजों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। याद रखें कि अपने आहार में नमकीन खाद्य पदार्थों को शामिल करते समय संयम जरूर बरतें। नमकीन खाद्य पदार्थों के नुचरल सोर्स के रूप में आप समुद्री नमक, सेंधा नमक, हिमालयन नमक और मछली को शामिल कर सकते हैं।
कसैला: कसैला भोजन शरीर में सूजन और गर्मी को कम करने के लिए जाना जाता है। यह प्रणाली को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। अंगूर, बीन्स, स्प्राउट्स, भिंडी, और क्रैनबेरी सभी कसैले खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।
तीखा: मिर्च, अदरक, लहसुन, प्याज, गर्म मसाले, और सरसों जैसे मसालेदार खाद्य पदार्थ सभी तीखे खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं। ये साइनस सही करने, भूख में सुधार के साथ मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
4. शाम 7 बजे के बाद कुछ भी न खाएं
अनियमित समय पर खाना खाने के कारण ही पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं। शरीर में सूजन और कब्ज कि दिक्कत इन्हीं वजहों से होती है। आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार शाम को 7 बजे से पहले हल्का खाना खाना चाहिए। यह आपके शरीर को रात भर डिटॉक्सीफाई करने के लिए पर्याप्त समय देगा और अगली सुबह आपको तरोताजा महसूस करेंगे। दिन के अपने अंतिम भोजन के रूप में आप अधिक से अधिक सूप और सलाद को शामिल करें।
5. घर का बना भोजन ही करें
यह नियम आयुर्वेद का पालन करना भी बेहद जरूरी है। आप घर का भोजन ही खाएं। प्रोसेस्ड फूड न केवल आपको आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित रखता है बल्कि इससे आपको शरीर में कई हानिकारक तत्व भी पहुंचते हैं।
6. गर्म पानी का घूंट
वसा पर कटौती करने का सबसे सरल और सबसे अच्छा तरीका है दिन भर में गर्म पानी पीना। यह आपके शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अधिकतम लाभ के लिए हर आधे घंटे में कुछ घूंट गर्म पानी पीने की कोशिश करें। चाहें तो आप इसमें नींबू का रस और शहद की कुछ बूँदें जोड़ सकते हैं।
7. अपनी नींद को ट्रैक करें
आपकी नींद आपके वेट घटाने की जर्नी में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। जब आप पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद नहीं लेते हैं तो यह न केवल अगले दिन आपके एकाग्रता के स्तर को बाधित करता है, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत बुरा होता है। इसलिए रात में दस बजे तक सोने और सुबह छह बजे तक उठने की आदत जरूर डाल लें।
तो आयुर्वेद की इन पुरातन, लेकिन अत्यधिक कारक तरीकों को आप अपने वेट लॉस की जर्नी में जरूर शामिल करें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।