Breast Cancer awareness month : हर साल, अक्टूबर को दुनियाभर के देशों में स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। वार्षिक स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। एक रिपोर्ट से पता चला है कि 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय महिलाएं स्तन कैंसर के स्टेज 3 और 4 से पीड़ित हैं। स्तन कैंसर महिलाओं के अस्तित्व पर ही ऐसी चोट करता है कि कई महिलाएं दोबारा से जीना ही भूल जाती हैं। स्तन कैंसर के बारे में आज हम आपको सबकुछ बताएंगे।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण सबमें एक जैसे नहीं होते. ये तरह तरह के होते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण हैं, जिसे आपको जानना बहुत आवश्यक है। जानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में-
• ब्रेस्ट के आकार और शेप में परिवर्तन होना।
• स्तन या अंडरआर्म में गांठ का बनना, जो ठीक नहीं होता।
• ब्रेस्ट के किसी हिस्से में हमेशा दर्द होना।
• ब्रेस्ट मिल्क के अलावा भी निप्पल से डिस्चार्ज होना।
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।
कैसे भरें जीवन में दोबारा रंग
स्तन कैंसर का दर्द दवा के बाद भी नहीं जाता. एक ऐसा दर्द जो महिलाओं के दिल दिमाग में घर का जाता है। जब एक महिला का स्तन काट दिया जाता है, तो वो दर्द सिर्फ एक महिला ही महसूस कर सकती है। उसके मन पर इतना बड़ा आघात होता है कि उसका संभलना बहुत मुश्किल हो जाता है, लेकिन मुश्किलों से लड़कर दोबारा से जीवन शुरू करना ही होगा। ऐसे में कैसे दोबारा उसी मुस्कराहट के साथ खड़े हों और आगे बढ़ें, आइये जानते हैं।
अपने इस नए शरीर को स्वीकारें : सबसे पहले हर महिला को इस सत्य को स्वीकार करना होगा कि उनकी जान बचाने के लिए उसके शरीर का एक हिस्सा काट दिया गया है, इससे उनका जीना नहीं रुकता। वो अब भी वहीँ हैं। इस सच्चाई को अपनाइए और जिंदादिली से रहिए।
सर्जरी का लें सहारा : स्तन पुनर्निर्माण सर्जरी एक विकल्प है जहां आपके स्तनों का आकार प्लास्टिक सर्जन द्वारा बहाल किया जाता है। हालांकि यह स्तनों के समान आकार और महसूस करने का एक प्रभावी तरीका है, यह एक प्रमुख सर्जरी है जिसके लिए आपको अस्पताल में कई दिन बिताने पड़ते हैं।
सेहतमंद खाएं : इसके बाद आपको निराश होकर जीवन जीने की जरुरत नहीं है। आपकी हेल्दी डाइट पर विशेष ध्यान दें। हरी सब्जियों, पत्तेदार सब्जियों का सेवन बढ़ा दें।
एक्सरसाइज करें : कई रिसर्च से पता चला है कि एक्सरसाइज करने से बहुत लाभ मिलता है. मूड को सही रखने के लिए जुम्बा क्लासेज करें। आपको एनर्जेटिक रखने के साथ ही ये आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखेगा।
सकारात्मक बने रहें : ब्रेस्ट कैंसर के बाद आपको धैर्य के साथ जीवन जीना होगा। इस समय बहुत से नेगेटिव विचार आपके मन में आते हैं, लेकिन उसे अपने भीतर जगह न बनाने दें।