क्या होता है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग? पुरुषो से ज्‍यादा महिलाएं होती हैं सबसे ज्‍यादा शिकार

हेल्थ
Updated Feb 05, 2019 | 11:58 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं। कई बार इसे सामान्य दर्द समझ लिया जाता है, लेकिन ये गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। लगातार गर्दन मे दर्द बना रहे तो सतर्क हो जाएं।

Cervical Degenerative Disc (Neck Pain)
Cervical Degenerative Disc (Neck Pain)  |  तस्वीर साभार: Getty Images

Cervical Degenerative Disc (Neck Pain): सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का सबसे पहला लक्षण तो यही होता है कि इसमें गर्दन और सिर को हिलाने पर काफी दर्द होता है। खास कर डेस्क जॉब वालों को ये खतरा ज्यादा होता है। सिर झुकाकर देर तक काम करने से कंधे और गर्दन में दर्द रहने लगता है।

लगातार गर्दन झुकाकर या गर्दन सीधी करके कंप्यूटर के सामने बैठने से रीढ़ की हड्डियों में कड़ापन आने लगता है। गर्दन में अक्सर होने वाला यही दर्द सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का कारण बन जाता है। 

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महिलाओं को क्यों होती ज्यादा दिक्कत
सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का खतरा महिलाओं को इसलिए होता है क्योंकि उनमें कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसके अलावा पीरियड्स, प्रेगनेंसी और काम की जिम्मेदारियों के बीच खुद का ध्यान न रखने के कारण महिलाओं का शरीर अपेक्षाकृत कमजोर हो जाता है। ऐसे में इन हड्डियों की जोड़ों में जब दवाब पड़ता है तो बहुत अधिक तकलीफ होती है। सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क एक तरह की बीमारी है जिसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।

क्या हैं सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क के लक्षण

  • गर्दन में खिंचाव
  • गर्दन में जलन और झुनझुनी का एहसास
  • गर्दन और सिर को हिलाने पर काफी दर्द होता है
  • गर्दन में कड़ापन महसूस होना।
  • गर्दन का दर्द कभी-कभी कंधों में भी महसूस होता है।
  • गर्दन में जकड़न आ जाती है जिससे सिर हिलाने में दर्द होता है।
  • बीमारी के घातक होने पर चक्कर और उल्टियां भी होती हैं।

क्यों होता है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग
गर्दन की डी-जेनरेशन वाली नसों पर दबाव पड़ने से ये रोग होता है। ये दबाव आमतौर पर ज्यादा काम करने, भारी बोझ उठाने, हड्डियों के कमजोर होने, लगातार काम करने, सिर झुकाकर काम करने, सिर झुकाकर लगातार पढ़ने और गर्दन पर किसी चोट के कारण हो सकता है।

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ऐसे करें इसका इलाज
इस दर्द को ठीक करने के लिए कैस्टर ऑयल थेरैपी या हॉट एंड कोल्ड थेरैपी लें। इन थैरेपीज से गर्दन की मांसपेशियों व अन्य ऊतकों को लचीला बनाया जाता है जिससे असामान्य ऊतकों का एलाइनमेंट किया जाता है। ज्यादातर रोगियों को एक या दो उपचारों के बाद डिस्क के नर्व पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। जिससे में पहले की तरह लचीलाप आ जाता है। हालांकि ये इलाज किसी विशेषज्ञ के देखरेख में करें। साथ ही एक्यूप्रेशर और फिजियोथेरपी भी इसमें काम आती है।

Disclaimer: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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