Colorectal Cancer Risk : शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे- मुंह का कैंंसर, नाक का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि। इन्हीं कैंसर में से एक है कोलोरेक्टल कैंसर। यह दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला कोलन और दूसरा रेक्टल यानी इस कैंसर की वजह से मरीज के मलाशय (rectum) और कोलन (colon) में कैंसर की कोशिकाएं असीमित रूप से विकसित होने लगती हैं। अन्य कैंसर की तुलना में इस कैंसर के प्रति लोगों के बीच जागरुकता काफी कम है। लेकिन यह कैंसर काफी घातक माना जाता है। ऐसे में इस कैंसर के लक्षणों को पहचानकर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। कोलोरेक्टल कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें डायबिटीज, मोटापा, उम्र इत्यादि शामिल हो सकते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर के सटीक कारणों के बारे में फिलहाल कोई सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे कारण होते हैं, जिसकी वजह से कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। जैसे-
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डायबिटीज - डायबिटीज रोगियों को कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में अगर आपको पहले से डायबिटीज की परेशानी है, तो अपना नियमित रूप से चेकअप कराएं। ताकि इस बीमारी की आशंका को कम किया जा सके।
शराब का सेवन - शराब का सेवन करने वालों को भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा रहता है। ऐसे में अगर आप इस गंभीर बीमारी से बचना चाहते हैं, तो शराब का सेवन करना आज ही छोड़ दें।
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अल्सरेटिव कोलाइटिस - अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीजों को कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में मरीजों को तुरंत अपने डेली रुटीन के चेकअप में कैंसर की जांच को जरूर शामिल करना चाहिए।
रेड मीट का सेवन - जो लोग अपने आहार में रेड मीट को अधिक मात्रा में शामिल करते हैं, उन्हें भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा रहता है। ऐसे में कोशिश करें कि अपने डाइट में रेड मीट को अधिक मात्रा में शामिल न करें।
इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों - इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयां लेने वाले लोगों को भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ता है। खासतौर पर जो व्यक्ति अपना ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाते हैं, उन्हें इस तरह की गंभीर बीमारी होने की संभावना रहती है।
मोटापा - शरीर के बढ़ते वजन की वजह से भी कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा रहता है। इसलिए कोशिश करें कि अपने वजन को कंट्रोल करके रखें। ताकि इस तरह की गंभीर बीमारी से बचा जा सके।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)