नई दिल्ली : कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु को कोई खतरा नहीं है इस बात का दावा हाल ही में किए गए एक स्टडी में किया गया है। चीन में इस विषय पर एक शोध किया गया था जिसमें ये रिपोर्ट निकलकर सामने आया है। यह शोध चीन के हुजहोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी , वुहान के शोधकर्ताओं ने किया है।
आपको बता दें चीन का वुहान कोरोना वायरस की महामारी का केंद्र है जहां से निकले जानलेवा वायरस ने दुनियाभर के 3 लाख से भी ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है साथ ही 14 हजार से भी ज्यादा लोगों की जानें ले ली है। शोधकर्ताओं ने सैंपल के तौर पर चार कोरोना वायरस के मरीज लिए थे जो गर्भवती महिलाएं थी जिन्होंने वुहान के एक अस्पताल में बच्चों को जन्म दिया था।
नहीं पाए गए कोई लक्षण
इन शिशुओं को एक खास नियोनेटल यूनिट में रखा गया था इनमें जांच के बाद कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी प्रकार के कोई लक्षण नहीं पाए गए। चार में से तीन शिशुओं के गले में खराश के बाद उनके टेस्ट लिए गए जो नेगेटिव पाए गए जबकि चौथे शिशु की जांच कराने की अनुमति उसकी मां ने नहीं दी।
स्तनपान का असर
डॉक्टरों के मुताबिक इन महिलाओं को डिलीवरी के पहले ही अपने संक्रमित होने का पता चल गया था और अब वे अपने शिशुओं से दूर रह रही हैं ताकि उनका असर बच्चों पर ना पड़े। यूएस सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन जहां इस तरह के उपायों को समर्थन दे रहा है वहीं ब्रिटेन की एक संस्था इसे सपोर्ट नहीं कर रही है। उसका कहना है कि इस तरह से मां अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करा पाएंगी जिसके बाद मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य का खतरा हो सकता है।
मांओं को ये सलाह
हालांकि रिपोर्ट से इस तरह की बात सामने आई कि स्तनपान कराने से बच्चों में कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता है लेकिन इसके बावजूद मांओं को सलाह दी गई है कि वे फेस मास्क पहन कर हाथ अच्छे से धोकर सैनिटाइज कर और ग्लव्स पहन कर ही बच्चों को स्तनपान कराएं।
बरतनी चाहिए ये सावधानी
हालांकि गर्भवती महिलाओं का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर रहता है इसलिए उन्हें ऐसे में सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। इस दौरान उन्हें सर्दी जुकाम से पीड़ित लोगों से दूर रहना चाहिए। इस दौरान उन्हें किसी भी प्रकार के संक्रमण और फ्लू का खतरा आसानी से हो जाता है इसलिए उन्हें इस हालत में अधिक सावधानी बरतने की सलाह ददी जाती है।