Coronavirus Vaccine: अगले साल फरवरी-मार्च तक आ सकता है टीका, AIIMS में दो चरणों का परीक्षण पूरा

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भाषा
Updated Nov 01, 2020 | 18:15 IST

Coronavirus Vaccine Update India: एम्स के 'कम्युनिटी मेडिसिन' विभाग के प्रमुख डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, तीसरे चरण का परीक्षण जल्द शुरू होने की संभावना है। फरवरी-मार्च तक टीका आ सकता है।

Coronavirus Vaccine: अगले साल फरवरी-मार्च तक आ सकता है टीका, AIIMS में दो चरणों का परीक्षण पूरा
Coronavirus Vaccine: अगले साल फरवरी-मार्च तक आ सकता है टीका, AIIMS में दो चरणों का परीक्षण पूरा  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस वैक्‍सीन के लिए तीसरे चरण का परीक्षण जल्द शुरू होने की संभावना है
  • 'कोवैक्सीन' का निर्माण भारत बायोटेक और आईसीएमआर मिलकर कर रहे हैं
  • प्रदूषण होने से कोरोना वायरस संक्रमण की भयावहता बढ़ने की आंशका है

नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के 'कम्युनिटी मेडिसिन' विभाग के प्रमुख एवं कोरोना वायरस रोधी टीका संबंधी परीक्षण के मुख्य अन्वेषक डॉक्टर संजय राय ने रविवार को कहा कि तीसरे चरण का परीक्षण जल्द आरंभ होने की संभावना है और सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल फरवरी-मार्च तक कोविड-19 का टीका आ सकता है।

संभावित टीके 'कोवैक्सीन' का निर्माण भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) मिलकर कर रहे हैं। एम्स और कुछ अन्य अस्पतालों में इसका परीक्षण चल रहा है। एम्स में इसके परीक्षण को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इसमें दो चरण के परीक्षण संपन्न हो चुके हैं। राय ने कहा, 'हम दो चरणों का परीक्षण कर चुके हैं। पहले चरण का परीक्षण कारगर रहा है। दूसरे चरण के परीक्षण का अभी विश्लेषण चल रहा है। लेकिन नियामक प्राधिकरण तीसरे चरण में जाने की अनुमति दे रहा है तो इसका मतलब है कि वे सारी रिपोर्ट से संतुष्ट हैं। उम्मीद है कि जल्द ही तीसरे चरण का परीक्षण आरंभ हो जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'रूस में जिस टीके को बनाने का दावा किया गया था, उसमें सिर्फ 14 परीक्षण नमूनों (सैंपल साइज) को लिया गया था। इसके मुकाबले हमारे पहले चरण में करीब 400 और दूसरे चरण में इससे अधिक नमूने थे।'

फरवरी-मार्च में आ सकता है टीका

यह पूछे जाने पर कि टीका कब तक आ सकता है, एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, 'अब तक जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें संतोषजनक कहा जा सकता है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल फरवरी-मार्च में टीका आने की संभावना है।'

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा, 'दिल्ली में जून के आखिर में जब करीब चार हजार मामले आए थे तो उस वक्त कुल जांच के अनुपात में संक्रमण की दर 20 फीसदी से अधिक थी। अगर आज की जांच दर से तुलना करें तो इस वक्त आठ-दस हजार मामले आने चाहिए। इसलिए अभी यही कहा जाएगा कि जून में इससे अधिक मामले थे।'

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 'दिल्ली में हम संक्रमण की बेसलाइन (आधार रेखा) तक अभी पहुंचे ही नहीं हैं। यह कहना बहुत ही मुश्किल है कि कोरोना की यह दूसरी या तीसरी लहर है।'

प्रदूषण-कोरोना वायरस का कनेक्‍शन

प्रदूषण बढ़ने और सर्दियों के समय कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा, 'प्रदूषण का प्रभाव सबसे पहले फेफड़ों पर होता है। कोविड भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। ऐसे में प्रदूषण होने से कोरोना वायरस संक्रमण की भयावहता बढ़ने की आंशका है।' उनके मुताबिक, बहुत ज्यादा सर्दी और बहुत ज्यादा गर्मी वायरस के लिए अनुकूल स्थिति नहीं होती। बीच का तामपान अनुकूल होता है। पिछले कुछ वायरस को देखते हुए यह मौसम इस वायरस के लिए ज्यादा अनुकूल हो सकता है।

राय ने कहा, 'फिलहाल रणनीति यह होनी चाहिए कि जिनको लक्षण हैं, उनकी जांच करें और उन्हें बेहतर से बेहतर उपचार दें। हमारा लक्ष्य यही होना चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाएं। हमें बहुत ज्यादा जांच करने पर संसाधनों को जाया नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि संसाधनों का उपयोग बीमार लोगों की बेहतर देखभाल पर हो।'

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