Sleeping Positions During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में खाने पीने को लेकर ही नहीं बल्कि पहनने और सोने का तरीका भी बदलना जरूरी होता है। सोने के तरीके से भी पेट में पल रहे बेबी पर असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी में ये तो सभी जानते हैं कि पेट के बल सोना तो बिलकुल मना होता है लेकिन शायद ही ये पता हो की पीठ के बल सोना भी सही नहीं होता।
इससे भी बेबी के ग्रोथ पर फर्क पड़ सकता है। पीठ के बल सोने से यूट्रस और बेबी का प्रेशर इंफिरियर वेन कावा पर पड़ता है। ये एक तरह कि नस होती है जो शरीर के निचले हिस्से से ब्लड को दिल तक पहुंचती है। पीठ के बल सोने से ये नस दबने लगती है।इससे दिल तक पहुंचने वाले ब्लड की रफ्तार धीमी हो जाती है।
ऐसा होने पर पेट में पल रहे बेबी को ब्लड सही तरीके से नहीं मिल पाता। इसकी वजह से बेबी को ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं मिलता साथ ही न्यूट्रियंट्स की भी कमी होने लगती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में सोने के तरीके का ध्यान रखना जरूरी है।
बाएं करवट सोने की डालें आदत
प्रेग्नेंसी में बाएं करवट सोना सबसे अच्छा माना जाता है। इससे किडनी,यूट्रस और पेट में पल रहे बच्चे का भी ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। डायजेशन के लिए भी ये बेहतर होगा। खास कर जिन फीमेल्स को सूजन की दिक्कत हो उन्हें बाएं करवट सोने उनके हाथों और पैरों की सूजन कम होने लगती है।
तकिये का करें प्रयोग-
पेट में बच्चा जैसे जैसे बढ़ता है मां को सोने में दिक्कत होने लगती है, ऐसे में आप पिलो का सहारा लें। पैरों के नीचे पिलो लगा कर सोने से काफी आराम मिलता है और सूजन की शिकायत भी कम होती है।
ढीले कपड़े पहनें
केवल सोते समय ही नहीं बल्कि हर समय आपक ढीले कपड़े पहनें ये आपके लिए और बेबी दोनों के लिए बेहतर होगा। कसावट होने से बच्चे को भी दिक्कत होती है।
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