क्या आपको पता है लगभग आबादी इनसोमनिया (नींद ना आने की बीमारी) से जूझती है। उन्हें या तो एक रात की ये समस्या रहती है या फिर एक पूरे सप्ताह के लिए ये बीमारी परेशान करती है। करीब 30 फीसद लोगों को सोने संबंधी बीमारी अक्सर परेशान करती है। रिसर्च ये बताता है कि आज के लोग 20 फीसदी कम नींद ले रहा है जबकि सदियों पहले के लोग अच्छी और भरपूर क्वालिटी नींद लिया करते थे। इनसोमनिया किसी भी एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित कर सकता है इससे निपटने के लिए कुछ टिप्स हैं जिन्हें आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं।
करें ये काम
ये बेहद कम ही होता है कि आप बेड पर जाएं और आपको फौरन नींद आ जाए। आपके दिमाग के पूरे दिन की बातें घूमती रहती है और आपको परेशान करती रहती है साथ ही आपको जगाए रखती है। ऐसा लगता है आप सोना चाह रहे हों लेकिन आपका दिमाग जग रहा है। ऐसी बातों को दिमाग में आने से रोकने के लिए आप पेपर पेन लेकर लिखें आप कैसा महसूस कर रहे हैं। ऐसा करने से आपकी आदत बन जाएगी और सोने से पहले आपका दिमाग आसी बातें सोचना धीरे-धीरे बंद कर देगा।
इन आदतों से पाएं छुटकारा
कई लोग अपनी गलत आदतों के कारण भी इस बीमारी से ग्रस्त रहते हैं जैसे उन्हें देर शाम तक और रात में कॉफी पीने की या सोने से तुरंत पहले खाने की या कसरत करने की आदत होती है ये सारी आदतें आपको नींद से दूर ले जाती है। इसलिए जहां तक हो सके इन आदतों को अपने से दूर करने का प्रयास करें तभी आप एक क्वालिटी नींद ले सकते हैं।
रिलैक्सेशन की प्रैक्टिस करें
बेड पर जाने से पहले रिलैक्सेशन की प्रैक्टिस करें इससे आपके दिमाग व शरीर को फायदा मिलेगा। आसान प्रैक्टिस के जरिए इसकी शुरुआत करें। बेड पर जाने से पहले श्वास क्रिया करें। धीमी व गहरी सांस अंदर लें फिर बाहर छोड़ें। इससे आपके सर से लेकर पांव तक रिलेक्स फील होगा और आपको फिर एक अच्छी नींद आनी शुरू हो जाएगी।
अपने ऊपर कंट्रोल करना सीखें
आपका बेड आपके लिए सोने का स्थान होता है। जब आप बेड पर जाते हैं और आपको नींद नहीं आती है तो आप कोशिश करें थोड़ी देर उठ कर टहलने की और फिर जब वापस से नींद आने लगे तो बेड पर आ जाएं। ध्यान रखें जब आप ऐसा करें ता आस-पास का माहौल धीमी रौशनी वाला हो। ऐसे में ही कोई किताब पढ़ने की कोशिश करें। एक समय आएगा जब आपकी आंखों की पुतलियां बंद होनी शुरू हो जाएगी फिर आप वापस अपने बेड पर आकर सो सकते हैं।