देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। अच्छी बात यह है कि पिछले चार से पांच दिनों में केस की संख्या में कमी आई है। लेकिन इन सबके बीच आंकड़े डराने वाले हैं। कोविड टेस्ट के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ आरटीपीसीआर भी कराया जा रहा है। लेकिन इस तरह के नतीजे सामने आ रहे हैं जिसमें मरीज को कोरोना के लक्षण होने के बावजूद भी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव हैं, अब इसके पीछे की वजह को समझना जरूरी है।
टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव लेकिन कोरोना
अगर किसी शख्स में कोरोना के लक्षण होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव है तो फौरी तौर पर यह समझा जा सकता है कि सैंपल ठीक तरीके से नहीं लिया गया होगा। इस समय कोरोना के लिए दो टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट यानी रैट और आरटीपीसीआर यानी गोल्ड स्टैंडर्ड कराया जा रहा है। अगर किसी शख्स की रिपोर्ट दोनों में से किसी एक में भी पॉजिटिव है तो उसे कोरोना का मरीज मान लिया जाता है।
अब समस्या यह है कि अगर दोनों टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव है तो कोरोना मानने में हर्ज नहीं। लेकिन रैट की या आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नेगेटिव है तो एक तरह से डर बैठ रहा है कि अमुक शख्स कोरोना का शिकार है या नहीं।
इस तरह की प्रक्रिया ना अपनाने पर गलत रिजल्ट
इन खामियों को दूर करने की जरूरत
अभी तक के शोध से एक बात सामने आई है कि रैट हो या आरटी पीसीआर दोनों के सैंपलिंग, प्रिजर्वेशन या ट्रांसपोर्ट में किसी तरह की खामी है तो रिजल्ट के नेगेटिल आने की संभावना अधिक है। मसलन नाक और गले से जब स्वैब निकाला जाता है तो वो सही तरह से संचालित ना हो पा रहा हो। इसके साथ ही जब उसे केमिकल में प्रिजर्व करने के लिए रखा जा रहा हो तो वो तरीका सही ना हो।