फ्रूट जूस पीना भला किसे पसंद नहीं होता और खासकर यह बच्चों का तो पसंदीदा होता है। अक्सर हमने देखा है कि माता पिता बच्चों को फ्रूट जूस पिलाने पर काफी जोर देते हैं क्योंकि बच्चे इसे खुशी से पी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं फ्रूट जूस पीने में जितना स्वादिष्ट होता है उससे कहीं ज्यादा यह बच्चों के सेहत के लिए हानिकारक भी सिद्ध हो सकता है।
फलों के जूस में सोर्बिटोल और फ्रूक्टोज अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन आपके बच्चों को पेट संबंधी कई बीमारियों की चपेट में ले सकता है। इसे पीने से शरीर से फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट निकल जाते हैं, जिससे आपके बच्चे को दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आपको फलों का जूस बच्चो को क्यों नही देना चाहिए और किन फलों के जूस बच्चो को दे सकते हैं।
2 से 18 साल के बच्चों को ना दें फ्रूट जूस
आइडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के एक शोध के मुताबिक बच्चों को फलों के जूस देने के बजाए मौसमी फलो को खिलाना चाहिए। यह बच्चों के सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। फलो का जूस बच्चों के सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। 2 से 18 साल के बच्चो को भूलकर भी फ्रूट जूस या पैक्ड फ्रूट जूस ना दें। यह बच्चो में हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और डैंटल हेल्थ आदि समस्याओं को उत्पन्न करता है। इसलिए आपको बच्चो को फ्रूट जूस देने से बचना चाहिए।
भूलकर भी ना दें ये जूस
आपको बता दें सेब, नाशपत्ती, और चैरी के जूस में अधिक मात्रा में सोर्बिटोल पाया जाता है। जिसका सेवन बच्चो में पाचनतंत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए आप भूलकर भी इन फलो का जूस ना दें। इसके बजाए आप इन फलो को बच्चो को खाने के लिए दे सकते हैं। वहीं आप बच्चो को संतरा, मौसमी, अनार, स्ट्रॉबेरी और कीवी का जूस सीमित मात्रा में दे सकते हैं, इनमें सोर्बिटोल का लेवल कम मात्रा में पाया जाता है।
एक्सपर्ट का मानना है कि यदि आपका बच्चा फ्रूट जूस के लिए जिद करता है या आप उसे देना चाहिते हैं तो इसकी मात्रा सीमित होनी चाहिए। इसके अनुसार 2 से 5 साल के बच्चों को 125ml यानि आधे कप से अधिक जूस ना दें, वहीं 5 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों को इसका सेवन केवल 250ml यानि एक कप करना चाहिए।