नई दिल्ली. महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन में उपवास और भूख हड़ताल उनका एक अहम हथियार था। लेकिन महात्मा गांधीजी का मानना था कि बॉडी को फिट और हेल्दी रखने के लिए सही डाइट लेना बहुत जरूरी है। महात्मा गांधी शाकाहारी थे। इसके अलावा वे बगैर आग पर पकाए फूड को सबसे ज्यादा अच्छा मानते थे। यंग इंडिया और हरिजन समाचार पत्रों में गांधी जी ने अपनी डाइट पर किए गए प्रयोगों पर काफी लिखा है।
सुबह-शाम नींबू और शहद
गांधीजी सुबह और शाम गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद डालकर पीते थे। इसके अलावा उनकी डाइट में रोजाना करीब 90 ग्राम अंकुरित गेहूं भी रहता था। इसके अलावा गांधीजी रोजाना 200 एमएल दूध पिया करते थे। गांधी जी को बकरी का दूध पसंद था। जब आखिरी वाइसरॉय लॉर्ड माउंटबैटन गांधीजी से मिले थे तो उन्होंने माउंटबैटन को भी बकरी का दूध पिलाया था। बकरी और गाय के दूध के अलावा वह कोकोनट मिल्क भी पिया करते थे।
गांधीजी की डाइट में रोजाना 22 ग्राम घी भी शामिल होता था। गांधीजी को फल खाना भी काफी पसंद था। गांधीजी रोजाना डाइट में 230 किलोग्राम अमरूद जैसे ताजे फल शामिल होते थे। काजू और बादाम भी गांधी जी के डाइट का हिस्सा थे। वह रोजाना 90 ग्राम बादाम का हलवा और 11 ग्राम साबुत खाते थे। बता दें कि बादाम हार्ट की बीमारी और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों से बचाता है।
सब्जियों में हरी सब्जी थी पसंद
गांधीजी रोजाना 90 ग्राम खीरा, चकवट, लूनी, सरसों की भाजी, मूली की भाजी, सुवा जैसी हरी सब्जियां खाते थे। इसके अलावा मीठे में गांधीजी चीनी के जगह शहद लेते थे। वह रोजाना 28 ग्राम शहद अपनी डाइट में लेते थे। बादाम के साथ-साथ गांधीजी रोजाना 45 ग्राम किशमिश शामिल होती थी। बता दें कि किशमिश से काफी एनर्जी मिलती है। इससे मसल्स और हड्डियां मजबूत होती है। इसके अलावा गांधी जी को पीली दाल भी पसंद थी।