Benefits of kachnar flower : ब्रेस्‍ट की गांठ को जड़ से खत्‍म करे कचनार का फूल, 11 दिन तक ऐसे करें सेवन 

हेल्थ
Updated Feb 20, 2019 | 18:18 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Homemade remedies: कचनार एक तरह का फूल होता है, जिसमें आयुर्वेदिक औषधिय के गुण भरे होते हैं। इस फूल में सबसे बड़ा गुण होता है गांठ को गला देने की। ब्रेस्ट या बवासीर की गांठ को खत्म करने में ये सबसे कारगर है।

Benefits of kachnar flower
Benefits of kachnar flower   |  तस्वीर साभार: Getty Images

Benefits of kachnar flower : कचनार कई रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता होती है। इस फूल के पेड़ की पत्तियां, तना व फूल सभी में औषधिय गुण होते हैं। गुलाबी कचनार का सबसे ज्यादा बेहतर माना जाता है। कचनार शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली गांठ को गलाने का दम रखता है। 

इतना ही नहीं ब्लड से जुड़ी समस्या या स्कीन डिजीज जैसे- दाद, खाज-खुजली, एक्जीमा, फोड़े-फुंसी आदि के लिए भी कचनार की छाल बहुत उपयोगी होती है। इसके फूल, जड़ या छाल को रोग के अनुसार यूज किया जाता है। ये इतना लाभदायक होता है कि इसका प्रयोग कुछ ही दिन करने से रोग सही होने लगते हैं। आइए जानें कि कचनार को कैसे किन रोगों में प्रयोग किया जाए।

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कचनाक के फूल से भगाएं फोड़े-फुंसी और ब्रेस्ट की गांठ

पाइल्स
कचनार की छाल का एक चम्मच पाउडर , एक कप छांछ के साथ दिन में तीन बार लेना शुरू कर दें। ऐसा करने से खूनी बवासीर सही हो जाता है। इसके साथ ही कचनार की कलियों के पाउडर को मक्खन और शक्कर मिलकर 11 दिन तक लगातार खाएं।

आंतों में कीड़े
आंतों में अगर आपके कीड़े हों तो आप कचनार की छाल का काढ़ा पिएं। दिन में दो बार रोज 11 दिन तक काढ़ा पीएं।

सूजन
शरीर में कहीं पर भी अगर सूजन हो तो वहां कचनार की जड़ को पानी में घिसकर लेप बना लें और उसे गर्म कर लगाएं।

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ब्रेस्ट पर होने वाली गांठ
कचनार की छाल को पीसकर पाउछर बना लें। एक चम्मच पाउडर में लगभग आधा ग्राम सौंठ को चावल धोने के बाद बचे पानी में मिला लें और इसका लेप अपने ब्रेस्ट पर लगाएं। दिन में करीब तीन बार इस लेप को लगाने से कुछ ही दिन में गांठ गल जाती है।

मुंह में छाले
कचनार की छाल का काढ़ा बना लें और उसमें कत्था मिलाकर छालों पर लगाएं। ये छाले को बहुत तेजी से ठीक कर देगा।

खांसी और दमा
शहद के साथ कचनार की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से खांसी और दमा में आराम मिलता है।

घाव
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से घाव ठीक होता है। इसके काढ़े से घाव को धोना भी चाहिए। इससे घाव तेजी से ठीक होगा।

कचनार के औषधिय गुणों को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो रोगों को दूर करने के लिए बहुत कारगर हैं। हांलाकि रोग की गंभीरता के अनुसार डॉक्टर को दिखा कर इसका प्रयोग करना ज्यादा अच्छा होगा।

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