How many meals you should have in a day: आप क्या खाते हैं , इस पर नजर रखना जितना जरूरी है ,उतना ही जरूरी यह देखना है कि आप एक दिन में कितनी बार खाते हैं और कितना खाते हैं। आयुर्वेद हमें अपने शरीर में एक अच्छी अग्नि को बनाए रखने का सुझाव देता है , अग्नि का अर्थ है पाचक अग्नि से । जिससे हमें खाना पचाने में आसानी होती है और यह अग्नि हमें अपने खाने से ही मिलती है। अगर आप एक दिन में 4 से 5 बार खाना खाते हैं ,तो आपको ध्यान रखने की जरूरत है कि आप तभी खाएं जब आपको सही मायने में भूख लगी हो और वह भी कम मात्रा में ही खाएं।
डॉ. डिंपल जांगड़ा आयुर्वेद और आंत स्वास्थ्य कोच विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपनी इंस्ट्राग्राम पोस्ट पर शेयर करते हुए बताया कि हमें एक दिन में कितनी बार खाना खाना चाहिए। वह बताती हैं कि जब भी कोई मरीज उनके पास असंतुलित बीमारी या विकार की स्थिति में आता है, तो हम उन्हें दिन में छोटी-छोटी मात्रा में चार से पांच बार भोजन करने की सलाह देते हैं। यह उनकी भूख का 50% से 80% हिस्सा होता है । डॉ. डिंपल बताती हैं कि शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी नहीं होनी चाहिए इसके लिए हमें अपनी डाइट में फल,अच्छी तरह पकी हुई सब्जियां, अनाज, फलियां, दाल, नट,बीज, डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करने चाहिए ।
दिन में चार बार भोजन : four meals in a day
यह चयन हमें अपनी बॉडी टाइप को ध्यान में रखकर करना होगा। अगर आपकी बॉडी टाइप एक्टोमोर्फ है (यानि आपका शरीर पतला है ,लेकिन आपको भूख बहुत ज्यादा लगती है ),या आपकी बॉडी टाइप मेसोमोर्फ है ( यानी आपका मेटाबॉलिज्म बहुत ज्यादा है) तो आपको अपने खाने को 4 डाइट में डिवाइड करना चाहिए। यह आपको तब मदद करेगा जब आप लो फील कर रहे हों या आपको फोक्स करने में समस्या हो रही हो और भूख ज्यादा लग रही हो। ध्यान रहे आपको खाना तभी खाना है जब आपको अच्छे से भूख लगे ,अपनी भूख का केवल 80% ही खाना चाहिए ,सूर्यास्त के बाद भारी खाना खाने से बचना चाहिए और सोने से 2 से 3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए।अगर आपको सोते समय भूख लगती है तो एक चुटकी जायफल के साथ प्लांट बेस्ड दूध या एक चुटकी हल्दी के साथ दूध लेना चाहिए। यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगा। अगर आप अपनी कैलोरी को 4 मिल्स में डिवाइड करती है तो आपको स्नैकिंग की क्रेविंग भी कम होगी ।
दिन में तीन बार भोजन : 3 meals in a day
जब आप ठीक हो जाते हैं तो अपने खाने को 3 बार में बदल दें। यह एक संतुलित जीवन शैली है जहां आप 14 से 16 घंटे का गैप देकर सूर्यास्त से पहले हल्का नाश्ता ,एक बड़ा दोपहर का भोजन और एक छोटा रात का खाना खाते हैं हालांकि, योग में जो दिन में तीन बार भोजन करता है उसे" रोगी "कहा जाता है। जिसका अर्थ है कि वह व्यक्ति जिसे समय के साथ अपाचय, चयापचय अपशिष्ट के जमा होने के कारण जल्दी रोग होने की प्रवृत्ति होती है।
दिन में दो बार भोजन : two meals in a day
यह तरीका योग और आयुर्वेद के अनुसार खाना खाने का सबसे अच्छा तरीका है । इसमें अपने खाने के बीच 6 घंटे का अंतर होता है । इससे आपके शरीर को सभी पोषक तत्व को पचाने का सही समय मिल जाता है । जो दिन में दो बार भोजन करता है उसे योग में 'भोगी' कहा जाता है , जिसका अर्थ है 'जो खाने का पूरा स्वाद लेता है'।
दिन में एक बार भोजन : one meal in a day
जब आपकी हेल्थ और आपका मेटाबॉलिज्म बढ़िया हो जाता है तो आप एक समय भोजन कर 23 घंटे का गैप करने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को योगी कहा जाता है जो तीव्र विचारों उच्च बौद्धिक और आध्यात्मिक क्षमताओं से परिपूर्ण होते हैं जिससे उनके शरीर में हल्कापन महसूस होता है।