Night Eating Syndrome: अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को रात में उठकर खाने की आदत होती है। हालांकि, इस आदत को लेकर लोग कई बार उन्हें टोक भी देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन उन लोगों को रात में डिनर करने के बाद भी भूख लगती है, जिससे वो रात को उठकर खाते हैं। इस आदत को कोई भी अच्छा नहीं मानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा किसी आदत की वजह से नहीं होता है, बल्कि ये एक तरह की बीमारी है, जिसे मेडिकल की भाषा में नाइट ईटिंग सिंड्रोम कहते हैं। इस सिंड्रोम में वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इस नाइट ईटिंग सिंड्रोम के मुख्य कारणों के बारे में-
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रात में देर तक काम करते रहना
जो लोग देर रात तक बैठकर ऑफिस काम निपटाते रहते हैं, उन्हें अक्सर नाइट ईटिंग सिंड्रोम होने का खतरा ज्यादा रहता है। दरअसल, रात में काम करने वाले और देर रात तक पढ़ने वाले लोग रात में खाने की आदत को अपना लेते हैं, जिससे उन्हें फिर रात को खाने की आदत लग जाती है। एक स्टडी के अनुसार, इस आदत की वजह से सर्केडियम रिदम रात को शरीर को भूख लगने का सिग्नल भेजता है, जिससे रात को उठकर खाने का मन करता है।
स्ट्रेस और डिप्रेशन भी हो सकता है कारण
कई बार खाना खाने की आदतों और टाइमिंग के बिगड़ने का कारण स्ट्रेस और डिप्रेशन भी हो सकता है। दरअसल, मानसिक तनाव की वजह से रात को नींद न आने की समस्या हो जाती है और लोग रात को जितना ज्यादा जागते हैं, उन्हें उतनी ही ज्यादा भूख लगती है। इसलिए तनाव लेना कम करें।
नाइट ईटिंग सिंड्रोम से छुटकारा पाने का तरीका
नाइट ईटिंग सिंड्रोम से छुटकारा पाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी होता है। इसके लिए नाश्ते, दोपहर के खाने और रात के खाने का समय निश्चित करें। साथ ही स्ट्रेस और तनाव कम लें। इससे स्वास्थ्य में तो सुधार होगा ही, साथ ही नाइट ईटिंग सिंड्रोम से भी छुटकारा मिलेगा।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)