इस तरह के व्रत से कम करिए हर हफ्ते अपना वजन, जानिए इसे करने के कई और फायदे

हेल्थ
Updated Jul 28, 2019 | 00:10 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

आप जब इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे होंगे, इससे आपका केवल वेट ही कम नहीं हो रहा होगा। इसके अलावा आपके शरीर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया भी चल रही होगी, जो आपको एक नहीं कई तरह से फायदे देगी।

Intermittating Fasting
Intermittating Fasting 

नई दिल्ली. वेट कम करने की दौड़ में अगर आप भी शामिल हैं तो आपके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग गियर की तरह काम करेगा। एक्सरसाइज और डाइट के साथ अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग पर भी फोकस करें तो आपका वेट लॉस तेजी से हो सकता है। 

इटरमिटेंट फास्टिं शरीर डिटॉक्स होगा जिससे आपका इम्युन भी मजबूत होगा और आपके शरीर के सभी अंग बेहर काम करेंगे। यही कारण है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस के लिए बहुत ही कारगर माना गया है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग वैसे तो पांच तरह के हैं। हालांकि, इनमें से तीन तरह के उपवास ज्यादा प्रचलित हैं। जो भी तरीका आपके लिए सहज हो आप उसे अपना सकते हैं और वेट के साथ शरीर को भी हल्का कर सकते हैं।

क्या है ये इंटरमिटेंट फास्टिंग? 
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने के चक्र को तय करता है, जिसमें खाने और उपवास के बीच की अवधि बहुत महत्वपूर्ण होती है। यानी खाने और उपवास करने का अंतराल कितना लंबा या छोटा हो यह आपको तय करना होता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग वैसे तो कई प्रकार के हैं लेकिन इसे तीन तरह से बांटा गया है। जैसे कि 16/8 का उपवास,24 घंटे का उपवास या 5:2 का उपवास। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण जब शरीर को रुक रुक कर खाना मिलता है तो इससे वसा तेजी से जलने लगती है। मेटाबॉलिज्म भी इससे तेज होता है और यही कारण है कि वेट कम होने लगता है। 

16/8 विधि का उपवास क्या है?
16/8 विधि में दिन के 16 घंटों के लिए फास्टिंग करना अनिवार्य हो जाता है। यानी 8 घंटे के गैप के बाद ही खाना खाना होता है। जैसे दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक आप न खाएं या 11 बजे और शाम 7 बजे तक खाना न खाएं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इस प्रकार के आहार योजना का पालन करते समय आपको अपने कैलोरी पर ध्यान देने की बहुत जरूरत नहीं होती है। बस आपको अपने उपवास और खाने के अंतराल पर ध्यान देना होता है।

24-घंटे उपवास 
24-घंटे उपवास विधि में सप्ताह में एक या दो बार 24 घंटे के लिए आपको उपवास रखना होता है। सुबह से अगली सुबह तक आपको केवल फल या लिक्विड डाइट पर ही निर्भर रहना होगा। ठीक उसी तरह जिस तरह से आप पूजा-पाठ के लिए व्रत करते हैं।

3-5:2 उपवास योजना
इस उपवास योजना में आपको पांच दिन सामान्य डाइट लेनी होगी बाकि दो दिन कैलोरी बेहद कम करनी होगी। दो दिन ये आप खुद तय करेंगे की हफ्ते में कौन से होंगे। सप्ताह के दो दिनों में कैलोरी को 500-600 कैलोरी तक सीमित रखना होगा। 

4-अल्टरनेटिव-डे फास्टिंग या हर दूसरे दिन उपवास
वैकल्पिक दिन उपवास का अर्थ है हर दूसरे दिन उपवास करना या तो कुछ भी नहीं खाना या उपवास के दिनों में 500 कैलोरी तक खुद को सीमित करना।

5-वर्रियर डाइट प्लान
इस डाइट प्लान में आपको 20 घंटे का उपवास करना होगा। यानी इस उपवास के दौरान आप केवल छोटी मात्रा में सब्जियां और फल खा सकेंगे और रात में आप डिनर ठीक से कर सकते हैं। डिनर लेकिन आपको सात बजे तक कर लेना होगा।

इंटरमिटेंट फास्टिंग रखने के टिप्स
•खुद को हमेशा हाइड्रेटेड रखें।
•योग जैसे हल्के व्यायाम आंतरायिक उपवास के दौरान करें।
•उपवास के बाद कैलोरी अधिक न लें।
•उपवास अवधि के बाद पोषक से भरे खाने को प्राथमिकता दें।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के और फायदे भी जानें
•ये इंसुलिन के स्तर को कम करता है, जिससे शरीर में संग्रहीत वसा तेजी से जलती है। 
•टाइप-2 डायबिटीज और ब्लडप्रेशर को कम करता है। 
•शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम कर सकते हैं।
•कोशिकाओं,जीन और हार्मोन के कार्यों को संतुलित करता है। जिससे शरीर को बीमारी से बचने में मदद मिलती है।
•मानव विकास वाले हार्मोन को बढ़ाता है,जो शरीर को वसा और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।
•अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद मिल सकती है।

यदि आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की सोच रहे तो पहले आहार विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें। ब्रेस्टफिडिंग कराने वाली और प्रेग्नेंसी में इसे बिलकुल फॉलो न करें। 

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)

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