नई दिल्ली : गुजरात सरकार ने हाल ही में ड्रैगन फ्रूट्स का नाम बदलकर 'कमलम' रखने का ऐलान किया है और इस संबंध में उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को इसके लिए एक प्रस्ताव भी भेजा है, जिसके बाद से यह फल सुर्खियों में है। कुछ लोग इसे सियासी चश्मे से देख रहे हैं, क्योंकि बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल है और गांधीनगर में बीजेपी के दफ्तर का नाम भी 'श्री कमलम' है। हालांकि प्रदेश सरकार ने इससे इनकार किया है और कहा कि इसका सियासत से कोई लेना-देना नहीं है। सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि चूंकि 'ड्रैगन फ्रूट' नाम से इसका संबंध चीन से होने जैसा लगता है, जबकि ऐसा है नहीं, तो ऐसे में यह नाम उचित नहीं प्रतीत होता। उन्होंने यह भी कहा कि इस फल का बाहरी आवरण कमल जैसा दिखाई देता है और इसका रंग भी कमल के फूल से काफी मिलता-जुलता है, इसलिए सरकार ने इसका नाम बदलकर 'कमलम' रखने का फैसला किया और पेंटेट के लिए आवेदन दिया गया है।
गुजरात सरकार के इस फैसले ने कई लोगों को हैरान किया तो सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह के मजाक भी सामने आए, जिनमें चीन को लेकर कहा गया कि अगर वह नहीं सुधरा तो अब अगला नंबर चाउमिन या ऐसे ही अन्य नामों का होगा, जिनका नामकरण भारतीयता को ध्यान में रखते हुए कर दिया जाएगा। बहरहाल, ड्रैगन फ्रूट्स को लेकर सोशल मीडिया पर होने वाली इन मजाकिया बातों और सियासी मायनों को छोड़ दें तो इस फल को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद गुणकारी माना जाता है। इसे डायबिटीज को नियंत्रित करने से लेकर डेंगू तक में काफी फायदेमंद माना जाता है।
कहा जाता है कि अगर डेंगू के किसी मरीज में प्लेटलेट्स गिर रहा हो तो वैसी परिस्थिति में ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। यही वजह है कि जब कभी डेंगू फैलता है, इसकी कीमत में बढ़ोतरी देखी जाती है। इसे ब्लड शुगर नियंत्रित करने में भी काफी कारगर माना जाता है। इसे स्किन में ग्लो के हिसाब से भी फायदेमंद बताया जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है, जो बॉडी सेल्स को डैमज होने से बचाने और इंफ्लेमेशन रोकने में भी मददगार होता है। इसमें अस्थमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद बताया जाता है तो इसमें कैंसर रोधी तत्व होने की बातें भी सामने आई हैं।
इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है और इसे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढाने वाला बताया जाता है। इसे शरीर में आयरन बढ़ाने वाला भी माना जाता है और ऐसे में यह गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है, जिनमें आयरन की कमी आम तौर पर पाई जाती है।
ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से एक उष्णकटिबंधीय फल है और इसका ताल्लुक मध्य अमेरिका से है, लेकिन अब दुनिया के कई देशों में इसकी खेती होती है। यह दक्षिण अमेरिका और मध्य अमेरिका में पाए जाने वाले जंगली कैक्टस की ही एक प्रजाति है। इसमें कीवी की तरह ही बीज होते हैं, जिसे फल को बीच से काटकर निकाला जाता है। यह फ्रूट ऊपर से देखने में भले गहरे रंग का होता है, लेकिन स्वाद में फीका होता है। दुनिया में वियतनाम को 'ड्रैगन फ्रूट' का सबसे बड़ा निर्यातक देश कहा जाता है। जहां तक भारत में इसके उत्पादन की बात है तो इसकी शुरुआत 1990 के दशक से समझी जाती है।